
केंद्र सरकार ने बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट सिंगल रेलवे लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी है। 177 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट पर लगभग 3179 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस फैसले के बाद आम जनता में खुशी की लहर है।
फिलहाल सिंगल लाइन होने के कारण ट्रेनों को क्रॉसिंग के इंतजार में स्टेशनों पर रुकना पड़ता है। कई बार वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनों को भी लंबा इंतजार करना पड़ता है। डबल लाइन बिछने से इस व्यस्त रूट पर ट्रेन संचालन तेज और सुरक्षित होगा। यह परियोजना पीएम-गति शक्ति मास्टर प्लान का हिस्सा है, जिसका मकसद मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है।
28 लाख लोग को होगा फायदा
यह रेलवे लाइन तीन राज्यों के पांच जिलों को कवर करेगी। परियोजना से 28.72 लाख लोगों और 441 गांवों को सीधा फायदा मिलेगा। खासकर बिहार के बांका और झारखंड के गोड्डा-दुमका की कनेक्टिविटी मजबूत होगी।
डबल लाइन से देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम, दुमका का बाबा बासुकीनाथ धाम, बौंसी का मंदार मधुसूदन मंदिर और रामपुरहाट स्थित तारापीठ शक्ति पीठ जैसे धार्मिक स्थलों तक रेल संपर्क बेहतर होगा। तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को भी काफी सहूलियत मिलेगी।
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वर्तमान में इस रूट से प्रतिदिन करीब 12 मालगाड़ियां चलती हैं। यहां से सीमेंट, कोयला, खाद और पत्थर की ढुलाई होती है। गोड्डा स्थित अडानी पावर प्लांट के लिए कोयले की आपूर्ति भी इसी मार्ग से होती है।
हंसडीहा में नया मालगोदाम और एफसीआई के बड़े गोदाम के लिए प्लेटफार्म का निर्माण लगभग पूरा है। आने वाले समय में यहां से माल परिवहन और भी आसान होगा।
इस रेलखंड से पहले से ही वंदे भारत, हमसफर सुपरफास्ट और कई एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन हो रहा है। इनमें से कुछ ट्रेनें भागलपुर और हंसडीहा होकर दिल्ली, मुंबई, अजमेर, अयोध्या और डिब्रूगढ़ तक जाती हैं।
डबल लाइन से ट्रेनों की आवाजाही तेज होगी और यात्रियों का समय बचेगा।