एशिया कप 2025 ट्रॉफी विवाद: नकवी के अड़ियल रवैये से बढ़ा तनाव, पीसीबी चीफ पर लगेगा बैन?

नई दिल्ली: एशिया कप 2025 का समापन भले ही टीम इंडिया की शानदार जीत के साथ हुआ हो, लेकिन खिताबी मुकाबले के बाद ट्रॉफी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। फाइनल में पाकिस्तान को हराने के बावजूद भारतीय टीम को अभी तक ट्रॉफी नहीं सौंपी गई है। इसकी वजह बने हैं एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) अध्यक्ष और पीसीबी प्रमुख मोहसिन नकवी, जिन्होंने ट्रॉफी को एसीसी मुख्यालय में रोक दिया है और निर्देश दिए हैं कि उनकी अनुमति के बिना इसे किसी को न सौंपा जाए।
इस घटना से नाराज बीसीसीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि वह नकवी के खिलाफ आईसीसी से औपचारिक शिकायत करेगा। बीसीसीआई अधिकारियों का कहना है कि नकवी ने अपनी सीमा से बाहर जाकर ट्रॉफी रोकी, जबकि यह आयोजन का हिस्सा और विजेता टीम का अधिकार है। बीसीसीआई ने यह भी संकेत दिए हैं कि नकवी को विश्व क्रिकेट से बैन करने और आईसीसी निदेशक मंडल से हटाने की मांग की जाएगी।
बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने कहा, “एशिया कप की ट्रॉफी नकवी की निजी संपत्ति नहीं है। यह भारत को दी जानी चाहिए और इसे रोककर रखना क्रिकेट भावना के खिलाफ है।”
28 सितंबर को खेले गए फाइनल में सूर्यकुमार यादव की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने पाकिस्तान को एकतरफा अंदाज में मात दी। जीत के बाद जब प्रेजेंटेशन सेरेमनी का समय आया तो भारतीय खिलाड़ियों ने नकवी के हाथों ट्रॉफी लेने से साफ इनकार कर दिया। यही वजह रही कि करीब एक घंटे की देरी के बाद भी ट्रॉफी न भारत को दी गई और न ही नकवी पीछे हटे। अंततः ट्रॉफी एसीसी कार्यालय में जमा कर दी गई।
यह टूर्नामेंट भारत-पाकिस्तान टकराव के कारण लगातार सुर्खियों में रहा। तीन बार दोनों टीमें आमने-सामने हुईं और हर बार भारत ने पाकिस्तान को शिकस्त दी। 14 सितंबर को पहला विवाद तब हुआ जब भारतीय टीम ने मैच के बाद हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। इसके बाद सुपर-4 मुकाबले में पाकिस्तानी खिलाड़ियों और भारतीय खिलाड़ियों के बीच मैदान पर तीखी बहस हुई।
नकवी भी एसीसी अध्यक्ष होने के बावजूद तटस्थ नहीं रह पाए और अपने सोशल मीडिया हैंडल से भारत विरोधी राजनीतिक बयान देते रहे। यही रवैया अब ट्रॉफी विवाद में भी दिखा।
टूर्नामेंट खत्म होने के बाद हुई एसीसी बैठक में नकवी और बीसीसीआई प्रतिनिधियों (राजीव शुक्ला और आशीष शेलार) के बीच जमकर बहस हुई। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मामला और गहराएगा और संभव है कि आईसीसी स्तर पर भी इस पर सख्त कार्रवाई की मांग उठे।
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