Bihar Chunav 2025: राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, छठ ट्रेनों में भीड़भाड़ पर उठाए सवाल
राहुल गांधी ने भीड़भाड़ वाली ट्रेनों का वीडियो शेयर किया, कहा- यह डबल इंजन सरकार की विफल नीतियों का सबूत है
Bihar Chunav 2025: नई दिल्ली, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने बिहार जाने वाली छठ पूजा की ट्रेनों में भारी भीड़ और टिकट न मिलने की समस्या पर नाराजगी जताई। राहुल ने कहा कि बिहार में दिवाली, भाई दूज और छठ जैसे त्योहारों का मतलब सिर्फ आस्था नहीं, बल्कि घर लौटने की तड़प भी है। लेकिन यह तड़प अब संघर्ष बन गई है। उन्होंने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें भीड़भाड़ वाली ट्रेनें दिखाई गईं। वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी ट्रेनें हरी झंडी दिखाते नजर आए। राहुल ने इसे एनडीए सरकार की नाकामी बताया।
Bihar Chunav 2025: त्योहारों में घर लौटने की तड़प बनी संघर्ष
राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट में लिखा दिवाली, भाई दूज और छठ का महीना है। बिहार में ये त्योहार आस्था से ज्यादा घर लौटने की चाहत हैं। मिट्टी की खुशबू, परिवार का प्यार, गांव की गर्मजोशी। लेकिन अब यह चाहत संघर्ष में बदल गई है। बिहार जाने वाली ट्रेनें पैक हैं। टिकट मिलना मुश्किल है। यात्रा अमानवीय हो गई है। कई ट्रेनें 200 प्रतिशत लोड पर चल रही हैं। लोग दरवाजों और छतों पर लटक रहे हैं। राहुल ने पूछा कि अगर राज्य में रोजगार और सम्मानजनक जिंदगी होती, तो लोग हजारों किलोमीटर क्यों भटकते। यह समस्या हर साल बढ़ रही है। बिहार के लोग हर त्योहार पर ऐसी हालत में घर लौटने को मजबूर हैं।
एनडीए सरकार की नीतियों पर तीखा प्रहार
राहुल ने केंद्र और बिहार की डबल इंजन सरकार को नाकाम बताया। उन्होंने कहा, विफल डबल इंजन सरकार के दावे खोखले हैं। 12,000 स्पेशल ट्रेनों का वादा कहां गया। स्थिति हर साल क्यों बिगड़ रही है। बिहार के लोग ऐसी हालत में क्यों लौट रहे हैं। राहुल ने कहा कि ये बेबस यात्री नहीं, एनडीए की धोखेबाज नीतियों और मंसूबों का जीता-जागता सबूत हैं। सुरक्षित और सम्मानजनक यात्रा हक है, एहसान नहीं। वीडियो में एक तरफ भीड़भाड़ दिखाई गई, तो दूसरी तरफ पीएम ट्रेनें रवाना करते हुए। यह तुलना सरकार की विफलता को उजागर करती है। राहुल ने इसे प्रवासियों की मजबूरी से जोड़ा। कहा कि स्थानीय अवसर न होने से लोग बाहर जाते हैं।
बिहार यात्रियों की परेशानी और राजनीतिक संदेश
छठ पूजा के लिए बिहार लौटने वाले यात्री ट्रेनों में खचाखच भरे हैं। स्टेशन पर हाहाकार मचा है। टिकट न मिलने से लोग परेशान हैं। यह समस्या हर साल दोहराई जाती है। राहुल का यह बयान राजनीतिक रंग ले चुका है। विपक्ष का प्रयास है कि सरकार की कमजोरियों को उजागर करें। बिहार में त्योहारों का महत्व गहरा है। घर लौटना परिवार से जुड़ाव का प्रतीक है। लेकिन यात्रा की कठिनाई इसे कष्ट दे रही है। राहुल ने इसे हक का मुद्दा बनाया। कुल मिलाकर, यह हमला केंद्र की रेल नीति और रोजगार वादों पर सवाल खड़े करता है।



