Bihar Chunav: बीजेपी में पवन सिंह की 'घर वापसी, उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात के बाद बिहार की राजनीति में नया भूचाल
पवन सिंह की बीजेपी में वापसी, कुशवाहा की मौजूदगी से शाहबाद में नया 'राजपूत-कुशवाहा' समीकरण।

Bihar Chunav: भोजपुरी सिनेमा के पावर स्टार और काराकाट से निर्दलीय सांसद पवन सिंह की एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में ‘घर वापसी’ हो गई है। लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने और जीतने के बाद, पवन सिंह ने आज दिल्ली में बीजेपी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर एनडीए के सहयोगी दल, राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा का मौजूद रहना, इस पूरी घर वापसी का सबसे बड़ा राजनीतिक संकेत है, जिसने बिहार, खासकर शाहबाद क्षेत्र की राजनीति में एक नया भूचाल ला दिया है।
उपेंद्र कुशवाहा बने सूत्रधार, विनोद तावड़े ने कराई वापसी
पवन सिंह की बीजेपी में यह वापसी काफी नाटकीय रही, जिसके मुख्य सूत्रधार उपेंद्र कुशवाहा बने। लोकसभा चुनाव में पवन सिंह ने काराकाट सीट से उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ ही चुनाव लड़ा था और उनकी हार का एक बड़ा कारण बने थे। लेकिन चुनाव के बाद, दोनों नेताओं ने गिले-शिकवे भुलाकर एक नई राजनीतिक दोस्ती की शुरुआत की। आज दिल्ली में पवन सिंह पहले उपेंद्र कुशवाहा से मिले और फिर दोनों नेता एक साथ बीजेपी मुख्यालय पहुंचे, जहां विनोद तावड़े ने पवन सिंह को पार्टी में वापस शामिल कराया।
क्यों महत्वपूर्ण है कुशवाहा की मौजूदगी?
इस मौके पर उपेंद्र कुशवाहा की मौजूदगी यह दर्शाती है कि बीजेपी 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले शाहबाद क्षेत्र (जिसमें भोजपुर, रोहतास, बक्सर और कैमूर जिले आते हैं) में एक नया और मजबूत ‘राजपूत-कुशवाहा’ (सवर्ण-ओबीसी) समीकरण बनाना चाहती है। पवन सिंह राजपूत समुदाय के एक बड़े आइकन हैं, जबकि उपेंद्र कुशवाहा कुशवाहा (कोईरी) समाज के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं। इन दोनों नेताओं का एक साथ आना, इस क्षेत्र में आरजेडी के M-Y (मुस्लिम-यादव) समीकरण के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर सकता है।
बीजेपी ने क्यों कराई ‘बागी’ की वापसी?
बीजेपी यह अच्छी तरह जानती है कि पवन सिंह भले ही बागी हो गए थे, लेकिन उनका जनाधार, खासकर युवाओं और अपने समाज में, बहुत मजबूत है। लोकसभा चुनाव में उन्होंने यह साबित भी कर दिया। 2025 के विधानसभा चुनाव में, बीजेपी पवन सिंह की इस ‘स्टार पावर’ का इस्तेमाल शाहबाद और उसके आस-पास की दर्जनों सीटों पर करना चाहती है। पार्टी को उम्मीद है कि पवन सिंह के प्रचार करने से एनडीए के पक्ष में वोटों का ध्रुवीकरण होगा, जिसका सीधा फायदा गठबंधन को मिलेगा।