
Bihar Chunav News: बिहार की राजधानी पटना में सियासी हलचल एक बार फिर तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी ने तेजस्वी को ‘क्रेडिट चोर’ करार देते हुए शहर भर में पोस्टर लगाए हैं। ये पोस्टर बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी माहौल को और गर्म कर रहे हैं।
पटना की सड़कों पर लगे इन पोस्टर्स में बीजेपी ने तेजस्वी यादव पर बिहार में मुफ्त बिजली जैसी योजनाओं का क्रेडिट लेने का आरोप लगाया है। बीजेपी का कहना है कि ये योजनाएं केंद्र और राज्य सरकार की देन हैं, लेकिन तेजस्वी इसे अपनी उपलब्धि बताकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। पोस्टर में लिखा है, “लालटेन की रोशनी में बिहार अंधेरे में डूबा था, अब क्रेडिट चोर तेजस्वी फ्री बिजली का क्रेडिट ले रहे हैं।”
पोस्टर वॉर से बिहार की सियासत में हलचल
बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और इस पोस्टर वॉर ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। बीजेपी के इस कदम को आरजेडी के खिलाफ रणनीतिक हमला माना जा रहा है। तेजस्वी यादव इन दिनों अपनी संवाद यात्रा के जरिए बिहार के अलग-अलग जिलों में लोगों से मिल रहे हैं। उनकी इस यात्रा को बीजेपी ने निशाना बनाया है।
पोस्टर में तेजस्वी के परिवार, खासकर लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी, पर भी तंज कसे गए हैं। बीजेपी ने दावा किया है कि आरजेडी की नीतियों ने बिहार को ‘जंगलराज’ की ओर धकेला था। बीजेपी नेताओं का कहना है कि तेजस्वी जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं।
Bihar Chunav News: तेजस्वी का जवाब, बीजेपी पर पलटवार
तेजस्वी यादव ने भी बीजेपी के इस हमले का जवाब देने में देर नहीं की। उन्होंने कहा कि बीजेपी बिहार की जनता को गुमराह करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है। तेजस्वी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “बीजेपी के पास जनता के लिए कोई विजन नहीं है, इसलिए वे पोस्टर और बयानबाजी पर उतर आए हैं।”
आरजेडी समर्थकों का कहना है कि तेजस्वी की संवाद यात्रा को जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। वे इसे बीजेपी की बौखलाहट बता रहे हैं। बिहार में महागठबंधन, जिसमें आरजेडी और कांग्रेस शामिल हैं, चुनाव से पहले अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटा है।
बिहार चुनाव से पहले सियासी जंग
बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। बीजेपी के इस पोस्टर वॉर को तेजस्वी की बढ़ती लोकप्रियता को कम करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। बिहार की जनता अब इस सियासी जंग पर नजर रखे हुए है।