
Bihar News: बिहार में जीविका दीदियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। बिहार सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के 1 करोड़ बच्चों के लिए ड्रेस तैयार करने का जिम्मा जीविका दीदियों को सौंपा है। इससे न सिर्फ बच्चों को नई पोशाक मिलेगी, बल्कि 50,000 से ज्यादा जीविका दीदियों को रोजगार का मौका भी मिलेगा।
जीविका दीदियां करेंगी सिलाई, मिलेगा रोजगार
बिहार सरकार ने फैसला किया है कि वैशाली, मुजफ्फरपुर, भोजपुर, मुंगेर, खगड़िया और नवादा जैसे जिलों में सिलाई केंद्र बनाए जाएंगे। इन केंद्रों में जीविका दीदियां आंगनबाड़ी के बच्चों के लिए ड्रेस तैयार करेंगी। पहले बच्चों के माता-पिता को ड्रेस के लिए पैसे दिए जाते थे, लेकिन अब सरकार ने यह जिम्मा जीविका दीदियों को दिया है। इससे न सिर्फ ड्रेस की गुणवत्ता बनी रहेगी, बल्कि दीदियों को नियमित काम और आय का स्रोत भी मिलेगा।
कैसे होगा काम, क्या है योजना?
मौसम विभाग की चेतावनी के बीच यह खबर ग्रामीण महिलाओं के लिए राहत भरी है। सिलाई केंद्रों में कपड़े उपलब्ध कराए जाएंगे, और जीविका दीदियां इन्हें सिलकर बच्चों के लिए यूनिफॉर्म तैयार करेंगी। यह योजना बिहार के 3 से 6 साल के बच्चों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। सरकार का कहना है कि इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ेगा और महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी। साथ ही, बच्चों को समय पर नई और अच्छी ड्रेस मिल सकेगी।
Bihar News: जीविका दीदियों के लिए और लाभ
हाल ही में नीतीश सरकार ने जीविका दीदियों के लिए और भी बड़े फैसले लिए हैं। स्वयं सहायता समूहों के लिए 3 लाख से ज्यादा के कर्ज पर ब्याज दर 10% से घटाकर 7% कर दी गई है। साथ ही, जीविका कर्मियों का मानदेय भी दोगुना किया गया है। ये कदम महिला सशक्तिकरण को और मजबूती देंगे।
बिहार में बदलाव की लहर
यह योजना बिहार के ग्रामीण इलाकों में बदलाव लाने का एक बड़ा प्रयास है। जीविका दीदियां अब न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि समाज के लिए भी मिसाल बन रही हैं। सरकार की इस पहल से न केवल बच्चों को बेहतर सुविधा मिलेगी, बल्कि हजारों महिलाओं को आर्थिक आजादी भी मिलेगी।