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BJP New President News: बीजेपी ने टाला नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान, उपराष्ट्रपति चुनाव बना देरी की वजह

उपराष्ट्रपति चुनाव के चलते बीजेपी ने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान टाला, नड्डा का कार्यकाल सितंबर तक बढ़ा

BJP New President News: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा को उपराष्ट्रपति चुनाव तक टाल दिया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद समाप्त होना था, लेकिन अब इसे सितंबर 2025 तक बढ़ा दिया गया है। इसका मुख्य कारण उपराष्ट्रपति चुनाव है, जो बीजेपी के लिए इस समय प्राथमिकता बन गया है

उपराष्ट्रपति चुनाव पर बीजेपी का फोकस

बीजेपी ने उपराष्ट्रपति चुनाव को अपनी रणनीति का केंद्र बनाया है। यह चुनाव सितंबर 2025 में होने वाला है, और पार्टी इस समय संगठन में बड़े बदलाव से बचना चाहती है। सूत्रों का कहना है कि उपराष्ट्रपति का पद, जो राज्यसभा का सभापति भी होता है, बीजेपी और एनडीए के लिए महत्वपूर्ण है। लोकसभा में बहुमत कम होने के बाद बीजेपी संसद में एकजुटता और मजबूत रणनीति चाहती है। इसलिए, नए अध्यक्ष की घोषणा को स्थगित कर पार्टी इस समय संसदीय प्रबंधन पर ध्यान दे रही है।

BJP New President News: नए अध्यक्ष की घोषणा कब होगी?

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हो सकता है, जो इस साल के अंत में होने की संभावना है। बीजेपी संगठन में बदलाव से पहले उपराष्ट्रपति चुनाव में हर वोट और सहयोगी दल की सहमति को महत्व दे रही है। इससे पार्टी को जातिगत, क्षेत्रीय और पीढ़ीगत संतुलन बनाने में भी मदद मिलेगी।

संगठनात्मक बदलाव में देरी क्यों?

बीजेपी के संगठनात्मक नियमों के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तब तक नहीं हो सकता, जब तक 50% राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे न हो जाएं। अभी तक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात जैसे बड़े राज्यों में यह प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के कारण भी संगठनात्मक चुनाव में देरी हुई। पार्टी का मानना है कि नए अध्यक्ष की नियुक्ति से पहले स्थिरता और एकजुटता जरूरी है।

बीजेपी की रणनीति और भविष्य

बीजेपी का यह कदम रणनीतिक और प्रतीकात्मक दोनों है। पार्टी नहीं चाहती कि उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले संगठन में कोई विवाद या अटकलें शुरू हों। इसके अलावा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सलाह भी इस फैसले में अहम भूमिका निभा रही है। आरएसएस चाहता है कि नया अध्यक्ष संगठनात्मक अनुभव वाला और वैचारिक रूप से मजबूत हो।

Sanjna Gupta
Author: Sanjna Gupta

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