
छत्तीसगढ़: गरियाबंद जिले में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कामयाबी हासिल की है। बुधवार को हुए एक विशेष ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सली कमांडर मनोज उर्फ मोडेम बालकृष्ण सहित 10 नक्सलियों को ढेर कर दिया। इस सफलता को नक्सल विरोधी अभियान में निर्णायक मोड़ माना जा रहा है।
खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर राज्य पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और कोबरा बटालियन की संयुक्त टीम ने गरियाबंद के घने जंगलों में अभियान चलाया। मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने नक्सलियों को चारों ओर से घेर लिया। इसके बाद चली भीषण गोलीबारी में 10 नक्सली मारे गए।
कौन था मोडेम बालकृष्ण?
मनोज उर्फ मोडेम बालकृष्ण नक्सली संगठन का कुख्यात और शीर्ष कमांडर था।
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उस पर हत्या, लूट और पुलिस बलों पर हमले जैसे कई गंभीर आरोप थे।
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ओडिशा स्टेट कमेटी (OSC) का वह वरिष्ठ सदस्य था और कई बड़े नक्सली ऑपरेशनों का मास्टरमाइंड माना जाता था।
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उसकी गिरफ्तारी या मौत पर सरकार ने 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
विशेषज्ञों का मानना है कि बालकृष्ण की मौत से नक्सल संगठन को रणनीतिक और संगठनात्मक दोनों स्तरों पर गहरा झटका लगेगा।
गरियाबंद: नक्सलियों का गढ़
गरियाबंद जिला लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का केंद्र रहा है। यहां कई बार सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो चुकी है। हाल के वर्षों में, लगातार चलाए जा रहे ऑपरेशनों के कारण नक्सलियों की गतिविधियां कमजोर हुई हैं। इस ऑपरेशन के बाद माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में नक्सलवाद को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम उठ गया है।
सुरक्षाबलों का यह ऑपरेशन बताता है कि अब नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबल न केवल बचाव कर रहे हैं, बल्कि नक्सलियों के गढ़ में घुसकर उन्हें सीधी चुनौती दे रहे हैं।
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