
Chhattisgarh Shocker: छत्तीसगढ़ में इस साल के पहले 115 दिनों में 30 पत्नियों की उनके पतियों द्वारा हत्या कर दी गई। ये चौंकाने वाले आंकड़े सामने आने के बाद समाज में हड़कंप मच गया है। सोनम रघुवंशी केस, जिसमें एक महिला ने अपने पति की हत्या की थी, के बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोग महिलाओं को “खतरनाक” बताकर तंज कस रहे हैं। लेकिन ये आंकड़े सच्चाई बयान करते हैं कि असल में महिलाएं ही ज्यादा हिंसा की शिकार हो रही हैं।
Chhattisgarh Shocker :क्या है पूरा मामला?
छत्तीसगढ़ पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से अप्रैल 2025 तक 115 दिनों में 30 महिलाओं की उनके पतियों ने हत्या की। इन मामलों में ज्यादातर हत्याएं घरेलू विवाद, दहेज, शक, या शराब के नशे में हुईं। कई बार छोटी-छोटी बातों पर पति ने पत्नी की जान ले ली। ये आंकड़े बताते हैं कि घर, जो एक महिला के लिए सबसे सुरक्षित जगह होनी चाहिए, वही उसके लिए खतरनाक बन रहा है।
सोनम रघुवंशी केस और सोशल मीडिया का माहौल
सोनम रघुवंशी केस में एक महिला ने अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या की, जिसके बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोग महिलाओं को निशाना बना रहे हैं। मीम्स और मजाक के जरिए बीवियों को “खतरनाक” बताया जा रहा है। लेकिन छत्तीसगढ़ के ये आंकड़े साफ करते हैं कि असल में पुरुषों की हिंसा महिलाओं के लिए बड़ा खतरा है। 30 हत्याओं के सामने एक केस को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना गलत है।
समाज और प्रशासन को क्या करना चाहिए?
इन हत्याओं के पीछे दहेज, शराब, और पितृसत्तात्मक सोच जैसे कारण सामने आए हैं। समाज को जागरूक करने की जरूरत है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा को किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता। पुलिस और प्रशासन को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करनी होगी। साथ ही, महिलाओं को आत्मरक्षा और कानूनी अधिकारों की जानकारी देना जरूरी है।
आंकड़ों का असर
ये आंकड़े न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए चेतावनी हैं। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसी घटनाएं बढ़ सकती हैं। समाज को मिलकर इस हिंसा को रोकने के लिए काम करना होगा।