यमन के हूती विद्रोहियों के वरिष्ठ अधिकारी मुहम्मद अब्द अल-करीम अल-गमारी की मौत

डेस्क: यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को गुरुवार (16 अक्टूबर, 2025) को एक बड़ा झटका लगा है। हूती समूह ने बताया कि उनके चीफ ऑफ स्टाफ और वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मुहम्मद अब्द अल-करीम अल-गमारी को सैन्य ड्यूटी के दौरान हुए हमले में मार दिया गया। हालांकि, हूती समूह ने सीधे तौर पर इजरायल को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया, लेकिन चेतावनी दी कि इजरायल को उसके “अपराधों की कड़ी सजा” दी जाएगी।
हूती प्रवक्ता ने कहा, “अल-गमारी की शहादत से हमारा मनोबल नहीं टूटेगा। यह हमारे प्रतिरोध को और मजबूत करेगी। इजरायल के साथ हमारा संघर्ष अभी समाप्त नहीं हुआ है और हम हर हाल में अपने लोगों की रक्षा करेंगे।” इस बयान से स्पष्ट है कि हूती संगठन अभी भी सैन्य और राजनीतिक मोर्चे पर सक्रिय है।
इजरायल का जवाब
अगस्त 2025 में इजरायल ने यमन के सना में हवाई हमले किए थे, जिनमें हूती समूह के चीफ ऑफ स्टाफ, रक्षा मंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारी लक्षित थे। इस हमले में यमन की हूथी-नियंत्रित सरकार के प्रधानमंत्री और कई अन्य मंत्री मारे गए थे। इजरायली रक्षा मंत्री ने गुरुवार को बयान जारी करते हुए कहा कि अल-गमारी पर यह हमला किया गया और कहा, “हम आगे भी किसी भी खतरे के खिलाफ ऐसा ही करेंगे।”
इसके अलावा, हूती विद्रोहियों ने गाजा में फिलिस्तीनियों के समर्थन में मिसाइलें दागी, जिनमें अधिकांश को इजरायल ने हवा में मार गिराया। इसके जवाब में इजरायल ने हूथियों के नियंत्रित क्षेत्रों पर भी हमले किए।
मुहम्मद अब्द अल-करीम अल-गमारी हूती मिलिशिया के सैन्य रणनीतिकार और प्रमुख अभियानों के योजनाकार थे। सऊदी अरब और अन्य विरोधी ताकतों के खिलाफ अभियानों में उनकी भूमिका निर्णायक मानी जाती थी। उनकी मौत को हूती संगठन के लिए बड़ा रणनीतिक और मानसिक झटका माना जा रहा है।
हूथी नेता अब्दुल मलिक अल-हौथी ने पिछले सप्ताह कहा था कि समूह गाजा युद्ध विराम समझौते पर नजर रखेगा। अगर इजरायल इसका पालन नहीं करता है, तो हूथी समूह गाजा के लिए समर्थन फिर से शुरू कर सकता है।



