Delhi Blast: दिल्ली आतंकी धमाके पर ओवैसी का तीखा प्रहार, 'मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने की भूल न करें'
ओवैसी ने कहा- देश के दुश्मन, चाहे हिंदू हों या मुस्लिम, राष्ट्र के शत्रु हैं; उन्होंने मस्जिद को शहीद करने का मुद्दा भी उठाया

Delhi Blast: दिल्ली के लाल किले के पास हुए भयानक आतंकी धमाके ने पूरे देश को हिला दिया है। इस घटना में 14 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जिनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों शामिल थे। इसी बीच एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक समझने की भूल न करें। ओवैसी का यह बयान हैदराबाद में एक सभा के दौरान आया, जहां उन्होंने धमाके को देश-विरोधी मानसिकता से जोड़ा। उनका कहना है कि भारत के 19 करोड़ मुसलमानों को समान अधिकार मिलना चाहिए, वरना देश कमजोर होगा।
ओवैसी का दर्द भरा बयान: ‘मुसलमानों ने सब सहा, लेकिन देश से नफरत कभी नहीं की’
ओवैसी ने सभा में जोरदार तरीके से कहा, “मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक समझने की भूल न करें। दुनिया जितनी देर चलती रहेगी, भारतीय मुसलमान उतनी देर तक सम्मानजनक भारतीय नागरिक के रूप में यहां जिंदा रहेंगे।” उन्होंने धमाके में इस्तेमाल हुए अमोनियम नाइट्रेट जैसे पदार्थों का जिक्र करते हुए चेताया कि ऐसी देश-विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। ओवैसी ने कहा, “देश के दुश्मन, चाहे हिंदू हों या मुस्लिम, राष्ट्र के शत्रु हैं। उनकी निंदा बिना झिझक होनी चाहिए।”
उन्होंने मुसलमानों पर हुए अत्याचारों का जिक्र किया। कहा कि एक मस्जिद को शहीद करने पर मुसलमान लाखों मस्जिदें बनाने की ताकत रखते हैं। लेकिन वे कोर्ट जाते हैं, जज पर जूता नहीं फेंकते। जबकि बहुसंख्यक समुदाय के व्यक्ति द्वारा ऐसा किया जाने पर कोई चर्चा नहीं होती। ओवैसी ने जोर देकर कहा, “मुसलमानों ने सब सहा लेकिन देश से कभी नफरत नहीं की। उनका उत्पीड़न करने वाले ही भारत को कमजोर बनाते हैं।”
धमाके का संदर्भ: लाल किले के पास 14 मौतें, ओवैसी ने दोषियों की निंदा की
दिल्ली के लाल किले के पास 23 नवंबर को हुए इस धमाके ने पूरे शहर को दहला दिया। शुरुआती जांच में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल सामने आया, जो आतंकी गतिविधियों से जुड़ा है। 14 निर्दोषों की मौत पर ओवैसी ने गहरा शोक जताया। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से देश को एकजुट होना चाहिए, न कि किसी समुदाय को निशाना बनाना। ओवैसी ने संविधान के मौलिक अधिकारों का हवाला देते हुए कहा कि भारत को शांतिपूर्ण बनाने के लिए 19 करोड़ मुसलमानों को समानता का हक मिलना जरूरी है।
राजनीतिक हलचल तेज: विपक्ष ने उठाया मुद्दा, सरकार पर दबाव बढ़ा
ओवैसी का यह बयान राजनीतिक बयानबाजी को नई ऊंचाई दे रहा है। विपक्षी दल इसे मुसलमानों के अधिकारों पर हमले का मुद्दा बना रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि मुसलमान लोकतांत्रिक ढांचे में अपने हक के लिए लड़ते रहेंगे। चाहे सत्ता में कोई भी हो, वे देश से प्यार करते रहेंगे। केंद्र सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन धमाके की जांच तेज हो गई है। विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसी घटनाओं के बाद समुदायों के बीच तनाव न फैले, इसके लिए संतुलित कदम उठाने चाहिए।



