
शनिवार को देश के 47 से अधिक शहरों में एक साथ रोजगार मेले का आयोजन हुआ, जिसमें पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से युवाओं को संबोधित किया और विभिन्न विभागों में चयनित 51,000 से अधिक उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र सौंपे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार पारदर्शी और ईमानदार प्रक्रिया के ज़रिए युवाओं को रोजगार देने के अभियान में लगातार जुटी है। उन्होंने कहा कि आज देश के करोड़ों युवा बिना किसी सिफारिश या लेन-देन के सरकारी सेवा में शामिल हो रहे हैं। “हमारा मंत्र है—बिना पर्ची, बिना खर्ची,” प्रधानमंत्री ने दोहराया।
युवाओं से राष्ट्र निर्माण की उम्मीद
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ये नियुक्त युवा आने वाले वर्षों में भारत की प्रगति के वाहक बनेंगे। उन्होंने कहा, “इनमें से कुछ देश की सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूती देंगे, कुछ प्रशासनिक सुधारों का हिस्सा बनेंगे, और कई देश की अर्थव्यवस्था व डिजिटल मिशनों में योगदान देंगे।”
सेवा ही सबसे बड़ी पहचान
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भले ही चयनित युवाओं की नियुक्तियाँ अलग-अलग विभागों में हों, लेकिन उनका साझा उद्देश्य राष्ट्र सेवा ही है। उन्होंने उन्हें राष्ट्र की सेवा का अंग बताते हुए प्रेरित किया कि उनका कार्य केवल एक नौकरी नहीं बल्कि देश के लिए जिम्मेदारी है।
रोजगार मेले का उद्देश्य और प्रभाव
रोजगार मेला केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है जिसका मकसद योग्य उम्मीदवारों को बिना किसी भेदभाव या सिफारिश के तेज़ और पारदर्शी तरीके से सरकारी नौकरियों में नियुक्त करना है। प्रधानमंत्री के अनुसार, इस पहल ने यह विश्वास पुख्ता किया है कि अब सरकारी नौकरी केवल योग्यता के आधार पर ही मिलती है।
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