उत्तर प्रदेश के 7 एयरपोर्ट्स पर उड़ानें ठप! कनेक्टिविटी की मार, अखिलेश यादव ने उठाए सवाल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले बड़े पैमाने पर एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के उद्देश्य से कई नए एयरपोर्ट्स का उद्घाटन किया गया था। लेकिन अब इनमें से 6 घरेलू और 1 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उड़ानें बंद हो चुकी हैं। वजह बताई जा रही है—यात्रियों की कमी, संचालन से जुड़ी दिक्कतें और कमजोर कनेक्टिविटी। करोड़ों रुपये की लागत से बने इन हवाई अड्डों पर अब सन्नाटा पसरा है, जिससे सरकार की नीतियों पर सवाल उठ रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे भाजपा सरकार की “विफल योजना” बताया। उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार की योजनाएं सिर्फ़ कमीशन कमाने के लिए बनती हैं। जिन एयरपोर्ट्स का खूब प्रचार हुआ, वे अब हवा-हवाई साबित हो रहे हैं।”
चित्रकूट एयरपोर्ट
चित्रकूट एयरपोर्ट, जिसे बुंदेलखंड का पहला हवाई अड्डा कहा गया, से लखनऊ के लिए मार्च 2024 में उड़ानें शुरू हुई थीं। किराया ₹555 और सफर का समय 55 मिनट तय था। एयरबिग कंपनी द्वारा संचालित यह सेवा दिसंबर 2024 में बंद हो गई। एयरपोर्ट डायरेक्टर आलोक सिंह के अनुसार, विजिबिलिटी की समस्या और संचालन संबंधी दिक्कतें इसके पीछे प्रमुख वजह हैं।
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट
कुशीनगर एयरपोर्ट का उद्घाटन अक्टूबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। करीब ₹260 करोड़ खर्च के बावजूद अब तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू नहीं हो पाई हैं। दिल्ली-कुशीनगर सेवा भी नवंबर 2023 में बंद कर दी गई। अधिकारियों के अनुसार, ILS सिस्टम की देरी और यात्रियों की कमी इसके पीछे बड़ी वजह रही।
श्रावस्ती से लेकर पलिया तक यात्रियों का अभाव
श्रावस्ती एयरपोर्ट पर उद्घाटन के बाद 19-सीटर विमान से लखनऊ के लिए उड़ान शुरू की गई थी, लेकिन सड़क मार्ग से महज 3 घंटे का सफर होने के कारण यात्री नहीं मिले। इसी तरह लखीमपुर खीरी (पलिया) से उड़ानें शुरू हुईं, लेकिन वापसी में विमान खाली लौटा।
जेवर बना उम्मीद की किरण
फिलहाल सरकार की नजर नोएडा के जेवर एयरपोर्ट पर है, जिसे एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बताया जा रहा है। पहले चरण का काम लगभग पूरा है और अक्टूबर 2025 में इसके उद्घाटन की उम्मीद है।
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