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शाहरुख खान को लेकर CISF की तैनाती पर भड़के सेना के पूर्व अधिकारी, उठाए सवाल
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सेना के वरिष्ठ रिटायर्ड अधिकारियों ने CISF को बताया ‘बल का अपमान’, CISF ने दी सफाई
नई दिल्ली: बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं, इस बार वजह है उनका एक वायरल वीडियो जिसमें वे एयरपोर्ट के भीतर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के करीब 20 से अधिक जवानों के घेरे में नजर आ रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है और अब इसने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।
वीडियो में शाहरुख खान को CISF जवानों के कड़े सुरक्षा घेरे में एयरपोर्ट से गुजरते देखा गया। इसे लेकर भारतीय सेना के कुछ वरिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारियों ने कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इस तरह एक फिल्म अभिनेता के लिए इतने सुरक्षाकर्मियों की तैनाती सुरक्षा बलों की गरिमा के खिलाफ है।
सेना के पूर्व अधिकारी बोले – ‘बल का अपमान’
इस मसले पर आवाज उठाने वालों में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल कंवलजीत सिंह ढिल्लों और मेजर जनरल राजू चौहान वीएसएम जैसे बड़े नाम शामिल हैं। मेजर जनरल राजू चौहान ने कड़ा रुख अपनाते हुए सवाल किया, “आप शाहरुख खान को एयरपोर्ट पर एस्कॉर्ट करने के लिए इतने सारे कर्मियों को तैनात करके अपने बल का अपमान क्यों कर रहे हैं? क्या आपके एसओपी ऐसा कहते हैं?”
उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी तीखी बहस शुरू हो गई है, जहां कुछ लोग सेना के अधिकारियों की बात का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ CISF की ओर से की गई कार्रवाई को सही ठहरा रहे हैं।
CISF का जवाब – ‘भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम’
मामले ने जब तूल पकड़ा तो CISF एयरपोर्ट सेक्टर हेडक्वार्टर की ओर से सफाई दी गई। उन्होंने बयान जारी कर कहा, “शाहरुख खान एक प्रसिद्ध फिल्मी हस्ती हैं, जिनके बहुत सारे प्रशंसक हैं। उनके इर्द-गिर्द लोगों की भीड़ होने की संभावना हमेशा बनी रहती है, जिससे दूसरों को असुविधा हो सकती है। पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी संभावित दुर्घटना को रोकने के लिए CISF की एक टीम तैनात की गई थी।”
विवाद पर बढ़ रही प्रतिक्रियाएं
इस पूरे घटनाक्रम के बाद कई पूर्व अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता और आम नागरिक अपनी-अपनी राय सोशल मीडिया पर रख रहे हैं। यह सवाल अब भी बना हुआ है कि क्या ऐसे मामलों में बलों की तैनाती की स्पष्ट गाइडलाइंस हैं और क्या फिल्मी हस्तियों के लिए इतनी सुरक्षा बलों का उपयोग न्यायोचित है?
अब देखना होगा कि इस विवाद का असर किस रूप में सामने आता है और क्या इस पर केंद्र सरकार या गृह मंत्रालय कोई दिशा-निर्देश जारी करता है।
