Jharkhand News: फलदार पौधों ने बढ़ाई हरियाली, किसान कमा रहे मोटा मुनाफा, ब्लैकबेरी-संतरे पर रिसर्च तेज
झारखंड में ब्लैकबेरी और संतरे की खेती से किसान लाभान्वित, पर्यावरण को फायदा, सरकारी योजनाएं सफल।

Jharkhand News: रांची, झारखंड में फलदार पौधों की खेती ने हरियाली और समृद्धि दोनों बढ़ाई है।1 सितंबर 2025 तक फलदार पौधों की खेती से न सिर्फ पर्यावरण को फायदा हो रहा है, बल्कि किसान भी मालामाल हो रहे हैं। ब्लैकबेरी और संतरे की खेती पर चल रहा रिसर्च झारखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयां दे रहा है। यह खबर उन लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो खेती और पर्यावरण संरक्षण में रुचि रखते हैं।
झारखंड सरकार की बागवानी योजनाओं के तहत हजारों एकड़ जमीन पर फलदार पौधे लगाए गए हैं। इनमें आम, लीची, संतरा और ब्लैकबेरी प्रमुख हैं। इससे ग्रामीण इलाकों में हरियाली बढ़ी है और किसानों की आय में इजाफा हुआ है।
Jharkhand News: फलदार खेती के फायदे
फलदार पौधों की खेती से झारखंड में जंगल कटने की रफ्तार कम हुई है। ये पौधे मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं और पानी का संरक्षण करते हैं। किसानों को अब फलों की बिक्री से अच्छा मुनाफा मिल रहा है। खासकर ब्लैकबेरी की खेती ने छोटे किसानों को बड़े बाजारों से जोड़ा है। रांची और जामताड़ा जैसे इलाकों में किसान इस नई खेती से लाखों कमा रहे हैं। सरकार की सब्सिडी और प्रशिक्षण ने भी उनकी मदद की है।
Jharkhand News: ब्लैकबेरी और संतरे पर रिसर्च
झारखंड कृषि विश्वविद्यालय ब्लैकबेरी और संतरे की नई किस्मों पर रिसर्च कर रहा है। ये फल कम लागत में ज्यादा मुनाफा दे सकते हैं। वैज्ञानिक बेहतर पैदावार और कीटों से बचाव के तरीके खोज रहे हैं। ब्लैकबेरी की मांग विदेशी बाजारों में बढ़ रही है, जिससे झारखंड के किसानों को निर्यात का मौका मिल सकता है। संतरे की खेती भी स्थानीय बाजारों में लोकप्रिय हो रही है।
लोगों की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर लोग इस पहल की जमकर तारीफ कर रहे हैं। किसान और पर्यावरण प्रेमी इसे झारखंड की प्रगति का प्रतीक बता रहे हैं। कई लोग कह रहे हैं कि ऐसी योजनाएं बिहार जैसे पड़ोसी राज्यों में भी लागू होनी चाहिए। यह खबर झारखंड में तेजी से वायरल हो रही है और लोग इसे हरियाली और समृद्धि का नया रास्ता मान रहे हैं।