
लोकसभा में सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हुई बहस के दौरान समस्तीपुर से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी ने विपक्षी दलों पर जोरदार हमला बोला। उनके भाषण ने न सिर्फ सदन का ध्यान खींचा बल्कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मेज थपथपाकर उनका समर्थन करते नजर आए।
सांसद शांभवी चौधरी ने कहा, “यह नया भारत भगवान बुद्ध और महावीर द्वारा दिखाए शांति के मार्ग पर जरूर चलता है, लेकिन जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है, तो यह श्रीराम का धनुष और श्रीकृष्ण का सुदर्शन चक्र उठाने में भी संकोच नहीं करता।”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें पहलगाम में जवानों की शहादत से ज्यादा चिंता फिलिस्तीन की होती है, क्योंकि वहां से उन्हें राजनीति में लाभ मिलता है।”
शांति अपनी शर्तों पर, अन्यथा विनाश का मार्ग: शांभवी
शांभवी चौधरी ने अपने भाषण में साफ कहा कि “यह नया भारत अब आतंकवादियों के हमले के बाद कैंडल मार्च नहीं करता, बल्कि उनके लिए चिता जलाता है। शांति की पहल जरूर करता है, लेकिन अपनी शर्तों पर। अगर कोई उस सीमा को लांघे, तो भारत डिप्लोमेसी से लेकर डेस्ट्रक्शन तक का रास्ता भी जानता है।”
रामायण की चौपाई से रखी बात
उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारतीय सैन्य इतिहास में ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इसका उल्लेख भविष्य में स्वर्ण अक्षरों में होगा। उन्होंने ‘रामचरितमानस’ की एक चौपाई उद्धृत की – “विनय न माने जलधि जड़, गए तीन दिन बीत। बोले राम सकोप तब, भय बिनु होई न प्रीत।” उन्होंने बताया कि यह पंक्तियां दर्शाती हैं कि जब संयम की सीमा पार हो जाए, तो कठोरता ही अंतिम उपाय बनती है।
“जो आत्मा पर वार करे, उसे भेजा जाता है कब्रिस्तान”
अपने तीखे तेवरों में एक शायरी के ज़रिए उन्होंने कहा, “खतों का दौर गया अब फरमान भेजे जाते हैं, जो भारत की आत्मा पर वार करे वो सीधे कब्रिस्तान भेजे जाते हैं।”
साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब-जब इंदिरा गांधी की बात होती है, तब-तब जगजीवन राम का नाम क्यों नहीं लिया जाता, जिन्होंने देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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