
Indian Army New Uniform: भारतीय सेना ने आधुनिकीकरण (Modernisation) और स्वदेशीकरण (Indigenisation) की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। अब से भारतीय सेना के सैनिकों की नई वर्दी (न्यू कोट कॉम्बैट) का डिज़ाइन और कैमोफ्लॉज पैटर्न पूरी तरह से सेना की अपनी संपत्ति (Intellectual Property) बन गया है।
रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, भारतीय सेना ने अपने नए ‘कोट कॉम्बैट (डिजिटल प्रिंट)’ डिज़ाइन के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights – IPR) हासिल कर लिया है। इस कदम से सेना को अपने डिज़ाइन और पैटर्न का एकमात्र स्वामित्व मिल गया है, जिसका मतलब है कि अब कोई भी अनधिकृत विक्रेता या संस्था इस वर्दी का निर्माण या बिक्री नहीं कर सकती है। अगर कोई ऐसा करता है, तो उसे कानूनी कार्रवाई और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
Indian Army New Uniform: क्यों जरूरी था यह पेटेंट?
भारतीय सेना ने अपनी नई डिजिटल पैटर्न वाली लड़ाकू वर्दी (New Combat Uniform) का अनावरण 15 जनवरी 2025 को सेना दिवस पर किया था। यह वर्दी पुरानी वर्दी से कई मायनों में बेहतर है।
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नकल पर रोक: पुरानी यूनिफॉर्म्स बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाती थीं, जिससे जासूसों और असामाजिक तत्वों द्वारा इसका दुरुपयोग किए जाने का खतरा रहता था। IPR रजिस्ट्रेशन अब इस खतरे को पूरी तरह खत्म करता है।
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आत्मनिर्भरता: यह पंजीकरण ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को मजबूती देता है, जो रक्षा वस्त्र प्रणालियों में नवाचार और स्वदेशी डिजाइन संरक्षण पर जोर देता है।
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कानूनी सुरक्षा: सेना अब ‘डिज़ाइन एक्ट, 2000’ के प्रावधानों के तहत उल्लंघन करने वालों पर मुकदमा दायर कर सकती है, जिसमें हर्जाना और स्थायी निषेधाज्ञा (Permanent Injunctions) शामिल हैं।
5 ‘चमत्कारिक’ खूबियाँ जो नई वर्दी को बनाती हैं खास
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT), दिल्ली द्वारा डिज़ाइन की गई यह नई कॉम्बैट यूनिफॉर्म (लड़ाकू वर्दी) सिर्फ दिखने में डिजिटल नहीं है, बल्कि तकनीक में भी उन्नत है।
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डिजिटल कैमोफ्लॉज पैटर्न: यह यूनिफॉर्म अब डिजिटल और पिक्सलेटेड पैटर्न पर आधारित है। यह पैटर्न सेना को रेगिस्तान, जंगल और पहाड़ों (Multi-Terrain) जैसी अलग-अलग भौगोलिक परिस्थितियों में बेहतर छलावरण (Concealment) प्रदान करता है, जिससे दुश्मन के लिए सैनिकों को पहचानना मुश्किल हो जाता है।
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तीन-परत वाली सुरक्षा प्रणाली (3-Layered System): यह वर्दी तीन इंटीग्रेटेड परतों से बनी है, जो चरम मौसम में भी आराम और सुरक्षा सुनिश्चित करती है:
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बाहरी परत (Outer Layer): डिजिटल प्रिंट वाला कोट, जो टिकाऊपन और संचालन दक्षता के लिए डिज़ाइन किया गया है।
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आंतरिक जैकेट (Inner Jacket): इंसुलेटेड मिड-लेयर, जो हल्का होने के बावजूद गर्माहट प्रदान करता है और गतिशीलता को सीमित नहीं करता।
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थर्मल परत (Thermal Layer): बेस लेयर जो चरम मौसम में नमी नियंत्रण (Moisture Control) और ताप संतुलन बनाए रखती है।
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एर्गोनोमिक डिज़ाइन: यूनिफॉर्म को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि इसमें हवा का वेंटिलेशन बेहतर हो। यह हल्की, मजबूत और जल्दी सूखने वाली है, जिससे सैनिक लंबे समय तक सहज महसूस करते हैं।
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महिला सैनिकों के लिए विशेष फिटिंग: नई वर्दी में महिला सैनिकों की जरूरतों को भी ध्यान में रखा गया है और उनके लिए लिंग विशिष्ट समायोजन (Gender-Specific Modifications) किए गए हैं।
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शर्ट का नया स्टाइल: इस नई वर्दी में शर्ट को पैंट के अंदर डालने की जरूरत नहीं होती है, जिससे यह पिछली वर्दी के मुकाबले ज्यादा आरामदायक और कार्यात्मक (Functional) बन जाती है।
भारतीय सेना द्वारा अपनी कॉम्बैट यूनिफॉर्म का IPR सुरक्षित करना नवाचार और सैनिकों के कल्याण के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। यह कदम देश के रक्षा वस्त्र प्रणालियों की सुरक्षा के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
नकल करने वालों के लिए यह स्पष्ट संदेश है कि अगर कोई भी अनधिकृत संस्था इस डिज़ाइन का निर्माण करती है, तो उसे गंभीर कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ेगा। अब सैनिक नई वर्दी के साथ और अधिक आत्मविश्वास, सुरक्षा और सुविधा के साथ देश की सेवा करेंगे।



