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It will be transplanted with an injection: चावल के दाने से भी छोटा पेसमेकर

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  • चावल के दाने से भी छोटा बना दुनिया का पहला घुलनशील पेसमेकर, इंजेक्शन से होगा प्रत्यारोपित
नई दिल्ली:वैज्ञानिकों ने चिकित्सा जगत में एक क्रांतिकारी सफलता हासिल की है। नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के इंजीनियरों ने ऐसा पेसमेकर विकसित किया है जो आकार में चावल के दाने से भी छोटा है और जिसे इंजेक्शन के माध्यम से शरीर में प्रत्यारोपित किया जा सकता है। यह डिवाइस न केवल आकार में सूक्ष्म है, बल्कि कार्यप्रणाली में भी अत्यंत उन्नत है।
इस पेसमेकर की सबसे खास बात यह है कि यह अपने काम के पूरा होने के बाद स्वतः ही शरीर में घुलकर समाप्त हो जाता है, जिससे सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसे शरीर से निकालने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे मरीजों को राहत मिलती है और जटिलताओं की संभावना भी कम हो जाती है।
यह पेसमेकर केवल 1.8 मिमी चौड़ा, 3.5 मिमी लंबा और 1 मिमी मोटा है। इसके बावजूद, यह हृदय की धड़कनों को नियंत्रित करने में पारंपरिक पेसमेकर की तरह ही पूरी क्षमता से कार्य करता है। इसकी क्षमताओं को अंतरराष्ट्रीय जर्नल नेचर में प्रकाशित एक अध्ययन में विस्तार से बताया गया है।
अध्ययन के अनुसार, यह उपकरण बड़े और छोटे जानवरों के साथ-साथ मानव हृदय (जो अंगदान के बाद अनुसंधान हेतु प्रयोग किए गए) पर भी सफलतापूर्वक कार्य करता है। इसकी कार्यप्रणाली, टिकाऊपन और शरीर में घुलने की विशेषता इसे चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व आविष्कार बनाती है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह सूक्ष्म पेसमेकर हृदय रोगों के इलाज में नई दिशा प्रदान करेगा और विशेष रूप से उन मामलों में उपयोगी साबित होगा जहां अस्थायी पेसिंग की आवश्यकता होती है।

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