Jharkhand Court News: झारखंड हाईकोर्ट का सख्त रुख, फूड सेफ्टी अफसर भर्ती में JPSC सचिव को 16 अक्टूबर को पेश होने का आदेश
फूड सेफ्टी ऑफिसर भर्ती में देरी पर JPSC सचिव को हाईकोर्ट का समन

Jharkhand Court News: रांची, झारखंड के सभी जिलों में फूड सेफ्टी अफसरों की नियुक्ति के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर स्वत: संज्ञान लेकर दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की ओर से दायर जवाब पर नाराजगी जताई। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने JPSC सचिव को 16 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है। अदालत ने सवाल उठाया कि 2023 में विज्ञापन जारी होने के बाद भी पात्रता मानदंड स्पष्ट क्यों नहीं किए गए।
मिलावटी खाद्य पदार्थों पर कोर्ट ने लिया संज्ञान
झारखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर संज्ञान लिया था। राज्य के सभी जिलों में फूड सेफ्टी अफसरों की कमी से निगरानी कमजोर हो रही थी। इस पर जनहित याचिका दायर हुई, जिसमें JPSC की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए। कोर्ट ने कहा कि बिना पात्रता मानदंड तय किए विज्ञापन जारी करना गंभीर लापरवाही है। 2023 में JPSC ने फूड सेफ्टी अफसरों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था, लेकिन शैक्षणिक योग्यता और समकक्ष मानदंड स्पष्ट नहीं किए गए। इससे भर्ती प्रक्रिया अटक गई और खाद्य सुरक्षा प्रभावित हुई। कोर्ट ने JPSC को फटकार लगाई कि इससे राज्य की जनता का स्वास्थ्य खतरे में पड़ रहा है।
Jharkhand Court News: JPSC सचिव को नोटिस, स्पष्टीकरण मांगा
सुनवाई के दौरान JPSC की ओर से दाखिल जवाब पर कोर्ट ने नाराजगी जताई। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान ने कहा, विज्ञापन जारी करने के बाद भी पात्रता मानदंड तय न करना अस्वीकार्य है। खंडपीठ ने JPSC सचिव को व्यक्तिगत रूप से 16 अक्टूबर को हाजिर होने का आदेश दिया। सचिव को बताना होगा कि विज्ञापन जारी होने के बाद इतना समय क्यों लग गया। कोर्ट ने सवाल किया कि क्या JPSC ने खाद्य सुरक्षा विभाग से सलाह ली? यह आदेश भर्ती प्रक्रिया को तेज करने और पारदर्शिता लाने के लिए है। JPSC ने जवाब में कहा कि प्रक्रिया चल रही है, लेकिन कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ।
भर्ती प्रक्रिया का बैकग्राउंड
2023 में JPSC ने फूड सेफ्टी अफसरों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसमें शैक्षणिक योग्यता जैसे डिप्लोमा इन फूड टेक्नोलॉजी या समकक्ष कोर्स का जिक्र था, लेकिन स्पष्ट मानदंड नहीं थे। इससे अभ्यर्थी भ्रमित हो गए और प्रक्रिया रुकी। खाद्य सुरक्षा विभाग ने JPSC से स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन देरी हुई। कोर्ट ने कहा कि इससे मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री बढ़ रही है, जो जन स्वास्थ्य के लिए खतरा है। झारखंड में फूड सेफ्टी अफसरों की कमी से निगरानी कमजोर है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि सचिव हाजिर होकर पूरी स्थिति स्पष्ट करें।
झारखंड में खाद्य सुरक्षा की स्थिति
झारखंड में मिलावटी खाद्य पदार्थों की समस्या गंभीर है। दूध, तेल, मसाले और सब्जियों में मिलावट आम है। फूड सेफ्टी अफसरों की कमी से जागरानी अभियान कमजोर पड़े हैं। 2024 में 500 से ज्यादा मिलावट के केस दर्ज हुए। कोर्ट का यह आदेश भर्ती को तेज करेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि पात्रता मानदंड स्पष्ट होने से योग्य उम्मीदवार मिलेंगे। JPSC को अब जल्दी कदम उठाने होंगे।