Jharkhand Hadsa News: धनबाद के झरिया में बीसीसीएल क्वार्टर ढहने से हादसा, 3 की मौत, 5 घायल
झारखंड के धनबाद में दर्दनाक हादसा, बीसीसीएल का पुराना क्वार्टर ढहने से 3 लोगों की मौत, 5 घायल।

Jharkhand Hadsa News: झारखंड के धनबाद जिले के झरिया में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जहां भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) का एक पुराना क्वार्टर ढह गया। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना झरिया के सुदामडीह क्षेत्र में हुई, जहां बीसीसीएल के कर्मचारियों के लिए बने पुराने क्वार्टरों में रहने वाले लोग इस हादसे का शिकार बने। स्थानीय लोगों और प्रशासन के अनुसार, यह हादसा मंगलवार रात करीब 2 बजे हुआ, जब लोग अपने घरों में सो रहे थे।
पुराने क्वार्टर की जर्जर हालत बनी हादसे की वजह
जानकारी के मुताबिक, जिस क्वार्टर में यह हादसा हुआ, वह कई दशकों पुराना था। स्थानीय लोगों ने बताया कि बीसीसीएल के ये क्वार्टर लंबे समय से जर्जर हालत में थे और बार-बार शिकायत के बावजूद इनकी मरम्मत या पुनर्वास का कोई कदम नहीं उठाया गया। हादसे की रात भारी बारिश के कारण क्वार्टर की छत और दीवारें अचानक भरभराकर गिर गईं। मलबे में कई लोग दब गए, जिनमें से तीन की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में एक महिला और दो पुरुष शामिल हैं, जिनके नाम अभी तक प्रशासन ने स्पष्ट नहीं किए हैं।
रात में मची अफरा-तफरी, बचाव कार्य में देरी
हादसे के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। रात के अंधेरे में स्थानीय लोग और पड़ोसी मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए दौड़े। पुलिस और बीसीसीएल के कर्मचारियों को सूचना दी गई, लेकिन बचाव कार्य में देरी होने से लोगों में गुस्सा बढ़ गया। कुछ घंटों बाद राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम मौके पर पहुंची और मलबे से घायलों को निकाला। पांच घायलों को धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
स्थानीय लोगों का गुस्सा, बीसीसीएल पर लापरवाही का आरोप
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने बीसीसीएल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि पुराने और खतरनाक क्वार्टरों में लोगों को रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जबकि बार-बार शिकायत की गई थी। लोगों ने मांग की है कि मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए और घायलों का इलाज मुफ्त हो। साथ ही, बीसीसीएल से बाकी जर्जर क्वार्टरों को तुरंत खाली कराने और कर्मचारियों के लिए सुरक्षित आवास की व्यवस्था करने की मांग उठ रही है।