Jharkhand News: धोनी को 'Helicopter Shot’ सिखाने वाले संतोष लाल को रांची ने दी श्रद्धांजलि
रांची के संतोष लाल, जिन्होंने धोनी को सिखाया हेलीकॉप्टर शॉट, 12वीं पुण्यतिथि पर याद किए गए।

Jharkhand News: गुरुवार को रांची ने अपने उस अनसुने हीरो संतोष लाल, जिन्हें प्यार से बंटी कहा जाता था, की 12वीं पुण्यतिथि मनाई। संतोष लाल वह व्यक्ति थे जिन्होंने भारतीय क्रिकेट के दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी को उनके विश्व-प्रसिद्ध हेलीकॉप्टर शॉट की तकनीक सिखाई। यह शॉट आज धोनी की बल्लेबाजी का पर्याय बन चुका है, लेकिन इसकी शुरुआत रांची के धूल भरे मैदानों से हुई, जहां संतोष ने इसे पहली बार आजमाया था।
Jharkhand News: धोनी के दोस्त, संतोष लाल की कहानी
संतोष लाल और धोनी बचपन के दोस्त थे। दोनों रांची के स्थानीय मैदानों में टेनिस बॉल क्रिकेट खेला करते थे। संतोष ने अपनी कलाई के जादू से गेंद को हवा में उड़ाने वाला Helicopter Shot ईजाद किया, जिसे धोनी ने बाद में अपनाया और पूरी दुनिया में मशहूर किया। फिल्म MS Dhoni: The Untold Story में भी इस पल को दिखाया गया, जहां संतोष धोनी को यह शॉट सिखाते हैं और बदले में समोसे मांगते हैं।
संतोष एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर थे। उन्होंने झारखंड के लिए आठ प्रथम श्रेणी मैच, 16 लिस्ट-ए और छह टी20 मैच खेले। हालांकि, वह राष्ट्रीय स्तर पर नहीं खेल सके। फिर भी, उनकी प्रतिभा और दोस्ती की मिसाल आज भी रांची के लोगों के दिलों में जिंदा है।
एक दोस्त का दर्दनाक अंत और धोनी का प्रयास
17 जुलाई 2013 को संतोष लाल का केवल 29 वर्ष की आयु में अग्नाशयशोथ के कारण निधन हो गया। उस दौरान धोनी ने अपने मित्र को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया। उन्होंने रांची से दिल्ली तक संतोष के लिए एयर एम्बुलेंस का इंतजाम किया, लेकिन खराब मौसम के कारण यह कोशिश नाकाम रही। संतोष की मौत ने धोनी और रांची के क्रिकेट प्रेमियों को गहरा सदमा दिया।
रांची ने दी संतोष को श्रद्धांजलि
12वीं पुण्यतिथि पर रांची के लोगों ने संतोष को सोशल मीडिया और स्थानीय कार्यक्रमों के जरिए याद किया। उनके कोच चंचल भट्टाचार्य ने बताया, “संतोष और धोनी रांची के क्रिकेट सितारे थे। संतोष की टेनिस बॉल क्रिकेट में खास पहचान थी।” फैंस ने भी संतोष को ‘रांची का असली हीरो’ कहकर श्रद्धांजलि दी।
धोनी ने भी किया संतोष को याद
धोनी ने कई साक्षात्कारों में संतोष का उल्लेख किया और बताया कि हेलीकॉप्टर शॉट उनके बिना कभी उनके खेल का हिस्सा नहीं होता। यह शॉट आज भी क्रिकेट प्रशंसकों को उत्साहित करता है और संतोष की स्मृति को जीवंत रखता है।