एक्स (X) पर कर्नाटक हाईकोर्ट का हंटर: भारत के नियमों का करना होगा पालन

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) को कर्नाटक हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के टेकडाउन ऑर्डर्स को चुनौती देने वाली एक्स की याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने साफ कर दिया कि भारत में काम करने वाले सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को देश के कानून और नियमों का पालन करना होगा।
एक्स का तर्क
एक्स ने अपनी याचिका में दलील दी थी कि आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 79(3)(बी) के तहत सरकार को अवरोधन (Blocking) के आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है। कंपनी का कहना था कि केवल आईटी अधिनियम की धारा 69ए और आईटी (सूचना तक सार्वजनिक पहुंच अवरोधन प्रक्रिया और सुरक्षा उपाय) नियम, 2009 ही ऐसे आदेशों के लिए कानूनी आधार हो सकते हैं।
इसके साथ ही एक्स ने यह भी मांग की थी कि धारा 79(3)(बी) के आधार पर जारी आदेशों के तहत सरकार उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे। कंपनी ने सरकार के ‘सहयोग पोर्टल’ से जुड़ने से भी अंतरिम सुरक्षा मांगी थी।
कोर्ट की टिप्पणी
जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने फैसला सुनाते हुए कहा कि –
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संचार और सूचना का नियमन हमेशा शासन का विषय रहा है।
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किसी भी माध्यम में संचार को कभी भी पूरी तरह अनियंत्रित नहीं छोड़ा गया।
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भारत में काम करने वाले प्लेटफॉर्म्स को भारतीय कानूनों का पालन करना ही होगा।
सुनवाई और फैसला
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इस याचिका पर कई महीनों तक सुनवाई चली।
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29 जुलाई 2025 को बहस पूरी हुई और फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
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अब अदालत ने साफ कर दिया कि एक्स को सरकार के टेकडाउन ऑर्डर्स को मानना पड़ेगा।