MBBS Seats In India 2025: भारत में एमबीबीएस सीटों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, पहुंचीं 1 लाख 37 हजार 600 तक
NMC का बड़ा कदम, 2024-25 सत्र के लिए 10,650 MBBS सीटें बढ़ीं, कुल सीटें 1,37,600 हुईं।
MBBS Seats In India 2025: देश में मेडिकल पढ़ाई को मजबूत बनाने के लिए नेशनल मेडिकल कमिशन ने बड़ा कदम उठाया है। 2024-25 के सत्र के लिए 10,650 नई एमबीबीएस सीटें जोड़ी गई हैं। साथ ही 41 नए मेडिकल कॉलेज शुरू हो रहे हैं। इससे कुल मेडिकल कॉलेजों की संख्या 816 हो गई है। एआईआईएमएस और जिपमर जैसे बड़े संस्थानों को मिलाकर अब कुल एमबीबीएस सीटें 1,37,600 तक पहुंच गई हैं। पिछले साल से यह सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है। नीट यूजी की परीक्षा पास करने वाले छात्रों के लिए यह खुशखबरी है। एनएमसी को 170 सुझाव मिले थे, जिनमें से 41 सरकारी और 129 निजी कॉलेजों को हरी झंडी दी गई। यह बढ़ोतरी ज्यादातर महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में हुई है। नए कॉलेज छोटे शहरों और गांवों में खुल रहे हैं, जिससे दूर के इलाकों में पढ़ाई आसान होगी।
MBBS Seats In India 2025: राज्यवार नई सीटों का ब्योरा
अक्टूबर 2025 की एनएमसी रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यों में नई सीटों का बंटवारा ऐसा है। उत्तर प्रदेश में 5 नए कॉलेजों से 1,100 से ज्यादा सीटें जुड़ीं। महाराष्ट्र में 4 कॉलेजों के साथ 950 से ज्यादा सीटें। तमिलनाडु में 3 कॉलेजों से 850 से अधिक सीटें। गुजरात में 800 से ज्यादा, राजस्थान में 700 से अधिक, कर्नाटक में 650 से ज्यादा और मध्य प्रदेश में 600 से अधिक सीटें बढ़ीं। निजी कॉलेजों की संख्या सरकारी से ज्यादा है, लेकिन सरकारी कॉलेजों से भी अच्छा योगदान मिला। कोटा सिस्टम पर ज्यादा बात नहीं हुई, लेकिन नीट यूजी से दाखिला लेने वालों को ज्यादा मौके मिलेंगे। यह बदलाव देश के अलग-अलग हिस्सों में मेडिकल पढ़ाई की कमी को पूरा करेगा।
पीजी कोर्स में भी अच्छी खबर
एनएमसी 2025-26 के लिए और सीटें जोड़ने की योजना बना रहा है। नवंबर में नए सुझावों की खिड़की खुलेगी। अगर यही रफ्तार चली तो 2029 से पहले 75,000 नई मेडिकल सीटें जुड़ जाएंगी। पीजी पढ़ाई के लिए भी अच्छा समय है। एनएमसी को 3,500 से ज्यादा आवेदन मिले हैं। लगभग 5,000 नई पीजी सीटें जुड़ेंगी, जिससे कुल पीजी सीटें 67,000 हो जाएंगी। इस साल यूजी और पीजी मिलाकर करीब 15,000 सीटें बढ़ेंगी। नीट पीजी पास छात्रों को इससे फायदा होगा। यह कदम मेडिकल शिक्षा को सबके लिए आसान बनाएगा। कुल मिलाकर, छात्रों के सपनों को हकीकत में बदलने का मौका बढ़ा है।



