
डेस्क: दिल्ली-हरियाणा सीमा पर स्थित मुंगेशपुर ड्रेन टूटने के बाद हालात गंभीर बने हुए हैं। बहादुरगढ़ प्रशासन ड्रेन को दुरुस्त करने और तटबंध मजबूत करने में जुटा है। मौके पर सेना के 80 से ज्यादा जवान और SDRF के 40 जवान राहत-बचाव कार्य में लगे हुए हैं। दिल्ली प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है जबकि बहादुरगढ़ सिंचाई विभाग ने 100 से अधिक कामगार तैनात किए हैं।
नजफगढ़ रोड के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के सामने स्थित गीतांजलि कॉलोनी पूरी तरह पानी में डूबी है। ड्रेन और कॉलोनी का जलस्तर बराबर हो गया है, जिससे पानी लगातार कॉलोनी में घुस रहा है। स्थानीय लोग भी प्रशासन के साथ मिलकर मिट्टी के कट्टे भरकर तटबंध मजबूत करने में लगे हैं।
हिसार से आई सेना की 22 मेक इंफेंट्री की इंजीनियरिंग टीम कर्नल गौरव सिंधवानी और कर्नल तपन सांगवान के नेतृत्व में काम कर रही है। उनका कहना है कि जल्द ही ड्रेन को दुरुस्त कर किनारों को मजबूत किया जाएगा।
गीतांजलि कॉलोनी से पानी निकालने की कोशिश में दिल्ली के नीलवाल गांव के लोगों ने विरोध जताया। उनका तर्क है कि एक क्षेत्र को बचाने के लिए दूसरे को डुबोना उचित नहीं है। विधायक भी ग्रामीणों के पक्ष में आ गए और नाले से निकासी रोक दी गई।
कॉलोनी से पानी बाहर निकालने के लिए 17 पंपसैट लगाए गए, लेकिन हालात काबू में नहीं आ रहे। वजह यह है कि एक ओर से पंपों से पानी निकाला जा रहा है, जबकि दूसरी ओर ड्रेन का पानी फिर कॉलोनी में घुस रहा है। जब तक ड्रेन से पानी का बहाव नहीं रुकता, तब तक पंपसैट बेअसर रहेंगे।
झाड़ौदा और आसपास के खेत भी पानी में डूबे हुए हैं। टीकरी के पीवीसी मार्केट एरिया से पानी सड़कों पर बह रहा है। प्रशासन का कहना है कि सेना, SDRF और स्थानीय टीमें मिलकर हालात पर काबू पाने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि फिलहाल गीतांजलि कॉलोनी में पानी का स्तर घटने की बजाय बढ़ रहा है, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
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