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Nepal Gen Z Protest: नेपाल में आगजनी और हिंसा पर छलका मनीषा कोइराला का दर्द, इंस्टाग्राम पर किया दर्द भरा पोस्ट

नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन, मनीषा कोइराला ने इंस्टाग्राम पर जताया गुस्सा।

Nepal Gen Z Protest: नेपाल में युवाओं ने सड़कों पर उतरकर सरकार के फैसले के खिलाफ नारेबाजी की। सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया ऐप्स पर रोक लगा दी। इसका कारण था कि ये कंपनियां नेपाल के कानून के तहत रजिस्टर नहीं हुईं। सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया। लेकिन युवाओं को यह फैसला पसंद नहीं आया। वे इसे अपनी आजादी पर हमला मानते हैं। प्रदर्शन हिंसक हो गए। कई शहरों में तोड़फोड़ और आगजनी हुई। अब तक कम से कम 20 लोग मारे जा चुके हैं। बॉलीवुड अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक दर्द भरा पोस्ट शेयर किया।

नेपाल प्रदर्शनों की पूरी कहानी

नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाया क्योंकि वे कानूनी नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। युवा, खासकर 18 से 28 साल के लोग, सड़कों पर उतर आए। वे भ्रष्टाचार के खिलाफ बोल रहे थे। प्रदर्शन शांतिपूर्ण शुरू हुए लेकिन जल्द ही हिंसा भड़क गई। कई जगहों पर आग लगाई गई और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। सरकार ने इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाए। लेकिन इससे और गुस्सा बढ़ गया। अब तक 20 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। यह स्थिति नेपाल के लिए बहुत चिंताजनक है।

मनीषा कोइराला का भावुक पोस्ट

मनीषा कोइराला, जो नेपाल की रहने वाली हैं, इस मुद्दे पर खुलकर बोलीं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर की। इसमें एक खून से सना जूता दिख रहा था। इसके साथ नेपाली भाषा में एक संदेश लिखा। उन्होंने कहा आजको दिन नेपालका लागि कालो दिन हो – जब जनताको आवाज, भ्रष्टाचारविरुद्धको आक्रोश र न्यायको मागलाई गोलीले जवाफ दिइयो। इसका मतलब है आज नेपाल के लिए काला दिन है – जब लोगों की आवाज, भ्रष्टाचार के खिलाफ गुस्सा और न्याय की मांग को गोलियों से जवाब दिया गया। यह पोस्ट उनके दर्द को दिखाती है। मनीषा ने नेपाल की जनता के संघर्ष को महसूस किया। उनका यह संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

मनीषा कोइराला का नेपाल से जुड़ाव

मनीषा कोइराला का जन्म 16 अगस्त 1970 को काठमांडू में हुआ। वे एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके दादा विश्वेश्वर प्रसाद नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। पिता प्रकाश मंत्रिमंडल में मंत्री थे। मनीषा ने 1989 में नेपाली फिल्म फेरी भेटौला से करियर शुरू किया। फिर बॉलीवुड में सुभाष घई की सौदागर से डेब्यू किया। वे सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं। खासकर नेपाली लड़कियों की तस्करी और वेश्यावृत्ति रोकने के लिए काम करती हैं। नेपाल की यह घटना उनके दिल को छू गई।

प्रदर्शनों का असर और प्रतिक्रिया

इन प्रदर्शनों से नेपाल में बड़े बदलाव आ सकते हैं। युवाओं का गुस्सा सरकार पर दबाव बना रहा है। लेकिन हिंसा से आम लोगों को नुकसान हो रहा है। मनीषा का पोस्ट लोगों को सोचने पर मजबूर कर रहा है। कई लोग उनकी बात से सहमत हैं। यह घटना दिखाती है कि सोशल मीडिया पर रोक से कितना विवाद हो सकता है। नेपाल सरकार को अब शांतिपूर्ण तरीके से समस्या सुलझानी होगी। मनीषा जैसे सितारे की आवाज से मुद्दा और मजबूत हो रहा है।

Sanjna Gupta
Author: Sanjna Gupta

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