Parliament News: संसद में जयशंकर के बयान पर हंगामा, अमित शाह ने विपक्ष को लताड़ा
ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में जयशंकर के बयान से बवाल, अमित शाह ने विपक्ष को लताड़ा, राहुल गांधी के सवाल पर सरकार ने दी सफाई

Parliament News: 28 जुलाई 2025 को संसद में विदेश मंत्री एस जयशंकर ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की स्थिति पर बयान दे रहे थे। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया। जयशंकर ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था, न कि सैन्य ठिकानों पर। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने पाकिस्तान को पहले ही बता दिया था कि यह हमला केवल आतंकवाद के खिलाफ है। लेकिन विपक्ष ने इस बयान पर सवाल उठाए और हंगामा शुरू कर दिया।
अमित शाह का विपक्ष पर तीखा हमला
हंगामे से नाराज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष को कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “विपक्ष को अपने देश के विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं है, लेकिन दूसरे देशों की बातों पर भरोसा है। इसलिए आप अगले 20 साल तक विपक्ष में ही बैठेंगे।” शाह ने विपक्ष पर देश की सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत कार्रवाई थी और इसे कमजोर करने की कोशिश गलत है।
ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर भारत का एक सैन्य अभियान था, जो मई 2025 में पाहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया। इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा के एक गुट ने जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में कई लोगों को निशाना बनाया था। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरीदके में आतंकी ठिकानों पर हमला किया। जयशंकर ने संसद में स्पष्ट किया कि भारत ने पाकिस्तान को पहले सूचना दी थी ताकि सैन्य टकराव से बचा जा सके।
विपक्ष के सवाल और सरकार का जवाब
विपक्षी नेता राहुल गांधी ने दावा किया कि पाकिस्तान को पहले सूचना देना एक “अपराध” था और इससे भारत को नुकसान हुआ। सरकार ने इसे गलत बताया और कहा कि यह कदम सैन्य कार्रवाई को सीमित करने के लिए उठाया गया था। अमित शाह ने विपक्ष से सवाल किया कि क्या वे देश की सुरक्षा के बजाय विदेशी बयानों पर ज्यादा भरोसा करते हैं।
जनता के लिए क्या मायने रखता है?
यह घटना दिखाती है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। सरकार का कहना है कि वह देश की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी। वहीं, विपक्ष का हंगामा संसद में चर्चा को प्रभावित कर रहा है। जनता को चाहिए कि वह तथ्यों पर ध्यान दे और देश की एकता के लिए सरकार के साथ खड़े रहे।