PM Oli resigned: नेपाल में सियासी संकट, पीएम ओली ने दिया इस्तीफा, क्या बनेगी नई सरकार?
नेपाल में विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दिया इस्तीफा, 20 से ज्यादा मौतें।

PM Oli resigned: नेपाल में सियासी संकट गहरा गया है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारी विरोध और हिंसक प्रदर्शनों के बाद इस्तीफा दे दिया। युवाओं का गुस्सा भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर लगी रोक के खिलाफ भड़क उठा। हिंसा में 20 से ज्यादा लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए। अब खबरें हैं कि ओली देश छोड़ सकते हैं। चार मंत्रियों ने भी कुर्सी छोड़ दी। आइए, आसान शब्दों में समझें कि नेपाल में क्या हो रहा है
युवाओं का आक्रोश और हिंसा
नेपाल के युवा सरकार से नाराज थे। सरकार ने फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे ऐप्स पर पाबंदी लगा दी। युवाओं ने इसे अपनी आवाज दबाने की कोशिश माना। भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हुए। पहले ये शांतिपूर्ण थे, लेकिन जल्द ही हिंसक हो गए। काठमांडू में सड़कों पर आगजनी और तोड़फोड़ हुई। पुलिस ने बल प्रयोग किया, जिसमें 20 से ज्यादा लोगों की जान गई। 300 से अधिक लोग जख्मी हैं। प्रदर्शनकारियों ने ओली के घर, राष्ट्रपति भवन और कई नेताओं के ठिकानों पर हमला किया। पूरे देश में तनाव फैल गया।
ओली का इस्तीफा, दबाव में लिया फैसला
प्रदर्शनों का दबाव इतना बढ़ा कि ओली को पद छोड़ना पड़ा। इसके साथ ही गृह मंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी, जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव और एक अन्य मंत्री ने भी इस्तीफा दे दिया। ये इस्तीफे सरकार की कमजोरी दिखाते हैं। युवा पूरे सिस्टम को बदलना चाहते हैं। ओली ने कहा कि वे देश हित में कदम उठा रहे हैं, लेकिन उनकी पार्टी के लोग भी अब दबाव में हैं।
ओली भाग सकते हैं विदेश?
इस्तीफे के बाद खबरें उड़ीं कि ओली नेपाल छोड़ सकते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि वे सुरक्षित जगह पर जाएंगे। हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई। ओली ने इस्तीफे के बाद कोई बड़ा बयान नहीं दिया। उपप्रधानमंत्री को सत्ता सौंपी गई है, लेकिन यह अस्थायी व्यवस्था है। प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि संसद भंग हो और नए सिरे से चुनाव हों।
नेताओं के घरों पर हमले
हिंसा के दौरान कई बड़े नेताओं के घर निशाना बने। पुष्प कमल दहल, शेर बहादुर देउबा और अन्य मंत्रियों के घरों पर आगजनी और तोड़फोड़ हुई। काठमांडू में हालात इतने खराब हुए कि कर्फ्यू लगाना पड़ा। स्कूल-कॉलेज बंद हैं और दुकानें खुल नहीं रही। लोग डर के माहौल में जी रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने हिंसा की निंदा की है।
नेपाल का भविष्य क्या?
ओली के इस्तीफे से सियासत में नया मोड़ आया है। प्रदर्शनकारी अंतरिम सरकार चाहते हैं। नेपाली कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अब सरकार बनाने की कोशिश करेंगे। अगर संसद भंग हुई, तो जल्द चुनाव हो सकते हैं। लेकिन हिंसा न रुकी तो देश को बड़ा नुकसान होगा। अर्थव्यवस्था पहले ही चरमरा रही है। नेपाल को अब शांति और स्थिर सरकार की जरूरत है।