
Delhi News: प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि राज्यों को आपदा जोखिम कम करने के लिए कम लागत वाली लेकिन प्रभावी योजनाओं पर काम करना चाहिए। उन्होंने यह बात राहत आयुक्तों और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के दो दिवसीय सम्मेलन के समापन सत्र में कही। यह सम्मेलन आपदा प्रबंधन और जोखिम कम करने के लिए महत्वपूर्ण रणनीतियों पर चर्चा करने का एक मंच था।
आपदाओं का बदलता स्वरूप और तैयारी की जरूरत पी.के. मिश्रा ने कहा कि आज आपदाओं का स्वरूप बदल रहा है। बाढ़, सूखा, और बिजली गिरने जैसी घटनाएं पहले से ज्यादा खतरनाक हो रही हैं। उन्होंने बताया कि आपदाओं के प्रभाव कई गुना बढ़ रहे हैं और जोखिम तेजी से बदल रहे हैं। इसीलिए राज्यों को अपनी तैयारियों को और मजबूत करना होगा। मिश्रा ने जोर देकर कहा कि कम लागत वाली लेकिन असरदार योजनाएं आपदा से होने वाले नुकसान को कम कर सकती हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि बिजली गिरने से होने वाली मौतें देश में सबसे ज्यादा हैं। इसे रोकने के लिए राज्यों को नई रणनीतियां बनानी होंगी। साथ ही, शहरी बाढ़ जैसी समस्याओं से निपटने के लिए स्थानीय जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखना जरूरी है।
सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता की अहमियत
मिश्रा ने आपदा प्रबंधन में सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ‘आपदा मित्र’ योजना के तहत स्वयंसेवकों को शामिल करना बहुत जरूरी है। यह योजना आपदा के समय लोगों की जान बचाने में मदद कर सकती है। उन्होंने प्रधानमंत्री की ‘मेरा भारत’ पहल का जिक्र करते हुए कहा कि इसे युवाओं को आपदा प्रबंधन से जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
मिश्रा ने आपदा प्रबंधन में डेटा की भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने ‘गति शक्ति’ पहल का उपयोग करके योजनाएं बनाने की सलाह दी। यह तकनीक आपदा प्रबंधन को और प्रभावी बना सकती है। साथ ही, उन्होंने राज्यों से अनुरोध किया कि वे आपदा से सीखे गए सबक को भूलें नहीं और इन्हें अपनी योजनाओं में शामिल करें।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की जरूरत
भारत के विशाल भूगोल को देखते हुए मिश्रा ने मजबूत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने राज्यों से कहा कि वे राहत कार्यों में शामिल एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दें। मिश्रा ने यह भी कहा कि आपदा के समय हर मिनट कीमती होता है, इसलिए राहत कार्यों की गति को और तेज करना होगा।
वैश्विक मंच पर भारत का योगदान
मिश्रा ने बताया कि भारत का आपदा जोखिम न्यूनीकरण वित्तपोषण मॉडल 4-6 जून, 2025 को जिनेवा में होने वाले डीआरआर वैश्विक मंच पर सराहा गया है। उन्होंने राज्यों से इस फंड का सही उपयोग करने की अपील की।
सम्मेलन में हुई व्यापक चर्चा
इस दो दिवसीय सम्मेलन में 1,000 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जिसमें राज्य सरकारें, केंद्र शासित प्रदेश, केंद्रीय मंत्रालय, और एसडीआरएफ, नागरिक सुरक्षा, होमगार्ड, और अग्निशमन सेवाओं के प्रतिनिधि शामिल थे।
सूचना के साथ अपडेट रहें न्यूजमीडिया किरण के साथ। सभी ट्रेंडिंग सिटी न्यूज, इंडिया न्यूज, बिज़नेस न्यूज, और स्पोर्ट्स न्यूज प्राप्त करें। एंटरटेनमेंट न्यूज, टीवी न्यूज, और लाइफस्टाइल टिप्स के लिए हमें अभी फॉलो करें।