Sanjay Jaiswal Extortion: BJP सांसद संजय जायसवाल से मांगी ₹10 करोड़ की रंगदारी, परिवार को दी जान से मारने की धमकी, मचा हड़कंप
बिहार में बेखौफ अपराधी। बेतिया से बीजेपी सांसद डॉ. संजय जायसवाल को फोन कर 10 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई है और न देने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी गई है।
Sanjay Jaiswal Extortion: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) के गहमागहमी के बीच एक बड़ी और सनसनीखेज खबर सामने आई है। बेतिया (पश्चिम चंपारण) से बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद डॉ. संजय जायसवाल (Dr. Sanjay Jaiswal) से अपराधियों ने 10 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी है। इतना ही नहीं, पैसा नहीं देने पर उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी गई है। इस हाई-प्रोफाइल मामले के सामने आते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
Sanjay Jaiswal Extortion: क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, यह धमकी सांसद डॉ. संजय जायसवाल को एक फोन कॉल के जरिए दी गई। कॉल करने वाले ने खुद को एक बड़े आपराधिक गिरोह का सदस्य बताते हुए 10 करोड़ रुपये की मांग की।
सूत्रों के मुताबिक, अपराधी ने धमकी भरे लहजे में कहा कि अगर तय समय के भीतर पैसे नहीं पहुंचाए गए, तो सांसद और उनके परिवार को इसका ‘गंभीर अंजाम’ भुगतना होगा। चुनाव के ऐन मौके पर, जब राज्य में आचार संहिता लागू है, तब एक मौजूदा सांसद को इस तरह की धमकी मिलने से सियासी माहौल भी गरमा गया है।
पुलिस ने शुरू की जांच, FIR दर्ज
मामले की गंभीरता को देखते हुए सांसद संजय जायसवाल के करीबियों ने तुरंत इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी। पुलिस ने इस संबंध में तत्काल FIR दर्ज कर ली है।
मामला एक मौजूदा सांसद से जुड़ा होने के कारण, इसे बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है। बेतिया पुलिस ने इस हाई-प्रोफाइल केस को सुलझाने के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन कर दिया है। पुलिस की साइबर सेल टीम उस नंबर को ट्रेस करने में जुट गई है, जिससे यह धमकी भरा कॉल आया था।
चुनाव के बीच कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब बिहार में विधानसभा चुनाव का प्रचार अपने चरम पर है और पहले चरण का मतदान (6 नवंबर) होने वाला है। खुद बीजेपी और एनडीए के नेता अपनी रैलियों में ‘जंगलराज‘ के खात्मे और ‘कानून के राज’ को अपना मुख्य चुनावी मुद्दा बनाए हुए हैं। ऐसे में, एक सिटिंग सांसद से 10 करोड़ की रंगदारी मांगना और उन्हें जान से मारने की धमकी देना, सीधे तौर पर राज्य की कानून-व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।



