खेल-कूद

Chess Grand Battle in Chaibasa: Umesh Saw becomes Champion: 110 खिलाड़ियों ने दिखाई बुद्धि की बिसात

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला शतरंज संघ के तत्वावधान में और एसआर रूंगटा ग्रुप के सौजन्य से आयोजित 14वीं पदमा बाई रूंगटा मेमोरियल जिला शतरंज प्रतियोगिता का भव्य समापन रविवार को हुआ। इस आयोजन ने जिले में शतरंज के प्रति बढ़ती रुचि और खिलाड़ियों की प्रतिभा को एक मंच प्रदान किया। इस वर्ष प्रतियोगिता में रिकॉर्ड 110 खिलाड़ियों ने भाग लिया, जिससे यह आयोजन जिले के बौद्धिक खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बन गया।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जिले के पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर उपस्थित रहे। उन्होंने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि यह बड़े गर्व की बात है कि जिले के युवा शतरंज जैसे गंभीर बौद्धिक खेल में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षों में जिले से राज्य और राष्ट्रीय स्तर के चैंपियन निकलेंगे। उन्होंने खेलों को बच्चों के सर्वांगीण विकास का सशक्त माध्यम बताया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद संघ के संरक्षक नितिन प्रकाश ने शतरंज को मानसिक विकास का आधार बताया। उन्होंने कहा कि भारत के लिए यह गर्व की बात है कि यह खेल यहीं से जन्मा और आज देश ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मज़बूत पहचान बना ली है। डॉ. विजय मुंदड़ा ने बताया कि सीताराम रूंगटा रिक्रिएशन हॉल में संचालित साप्ताहिक प्रशिक्षण शिविरों से भविष्य के ग्रैंड मास्टर तैयार किए जा रहे हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत संघ के अध्यक्ष मुकुंद रूंगटा द्वारा अतिथियों के स्वागत के साथ हुई। मंच संचालन महासचिव बसंत खंडेलवाल ने किया। उन्होंने बताया कि कुछ वर्षों पहले तक प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की संख्या सीमित थी, पर अब हर वर्ष यह संख्या 100 के पार पहुंच रही है, जो शतरंज के प्रति जिले में बढ़ते आकर्षण का प्रमाण है।
आठ राउंड की इस प्रतियोगिता में 57 वर्षीय उमेश साव ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 7 अंकों के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया। उमेश के बराबर अंक लेकर कमल किशोर देवनाथ द्वितीय स्थान पर रहे। मनीष शर्मा ने 6.5 अंकों के साथ तीसरा और राजेश कुमार ने 6 अंकों के साथ चौथा स्थान हासिल किया। ये चारों खिलाड़ी जिले की ओर से आगामी सीनियर राज्य शतरंज प्रतियोगिता में भाग लेंगे।

प्रतियोगिता में विभिन्न आयु वर्गों के बच्चों ने भी शानदार प्रदर्शन किया। अंडर 7, 9, 11, 13 और 15 बालक एवं बालिका वर्गों में खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा से दर्शकों और निर्णायकों को प्रभावित किया। बच्चों में खेल के प्रति जोश और उत्साह देखने लायक था।
समापन समारोह में जयदेव चंद्र त्रिपाठी, बलराम सुल्तानिया, सोहन लाल मुंदड़ा, अर्पित खिरवाल, पुरुषोत्तम सराफ, हर्ष शर्मा, सुशील चौमाल, जुएल गगराई, निर्मल चंद्र त्रिपाठी, अनंत लाल विश्वकर्मा समेत कई गणमान्य अतिथि एवं शतरंज प्रेमी उपस्थित थे।
यह प्रतियोगिता न केवल शतरंज खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच सिद्ध हुई, बल्कि जिले में खेलों के प्रति सकारात्मक वातावरण और नई ऊर्जा का संचार भी किया। प्रतियोगिता ने यह स्पष्ट कर दिया कि चाईबासा की धरती पर बुद्धिबल के भविष्य चमक रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!