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Kadma Management dispute at A.D.L. Sunshine School reaches its peak: एजीएम से पहले गेट पर ताला, कार्यालय में घेराव

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जमशेदपुर। कदमा स्थित ए.डी.एल. सनशाइन स्कूल में वर्षों से चला आ रहा प्रबंधन विवाद रविवार को एक बार फिर उग्र रूप में सामने आया। वार्षिक आम सभा (एजीएम) के आयोजन से पहले ही स्कूल दो गुटों में बंटा नजर आया—एक ओर वर्तमान प्रबंधन समिति (पुरानी कमेटी) तो दूसरी ओर हाल ही में निर्वाचित नई समिति। दोनों पक्षों के बीच टकराव ने ऐसा रूप लिया कि मामला हाथापाई और घेराव तक पहुंच गया।
गेट पर ताला, एजीएम बाधित
रविवार को जैसे ही एजीएम शुरू होने वाली थी, विपक्षी गुट ने स्कूल परिसर के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया और किसी को भी भीतर प्रवेश नहीं करने दिया। इसके चलते एजीएम का आयोजन बाधित हो गया। इसी बीच दोनों पक्षों के बीच जमकर बहस हुई जो देखते ही देखते धक्का-मुक्की और हाथापाई में बदल गई। स्कूल परिसर में अफरा-तफरी और तनाव का माहौल बन गया।
पुलिस ने संभाला मोर्चा
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। पुलिस की मौजूदगी में भी दोनों पक्ष अपने-अपने आरोपों को लेकर अड़े रहे।
विपक्ष के आरोप
नई निर्वाचित समिति के महासचिव गुणा राव ने आरोप लगाया कि पुरानी कमेटी के पदाधिकारी बायलॉज की अवहेलना कर मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा स्वीकृत 12 करोड़ रुपये की राशि में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है। साथ ही आरोप लगाया कि पुरानी कमेटी ने नियमों के विरुद्ध 400 से अधिक नए सदस्य बनाकर आमसभा में फर्जी ढंग से बिल पास किए।
प्रबंधन का पक्ष
वहीं, वर्तमान प्रबंधन समिति ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि एजीएम पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित की जा रही थी। उन्होंने विपक्ष पर जानबूझकर माहौल बिगाड़ने और स्कूल की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया।
कार्यालय में ताला और घेराव
स्थिति उस समय और गंभीर हो गई जब महासचिव गुणा राव अपने समर्थकों के साथ स्कूल पहुंचे और विरोध स्वरूप स्कूल कार्यालय में ताला जड़ दिया। उन्होंने कहा कि प्रशासन के निर्देश के बावजूद उन्हें अभी तक चार्ज नहीं सौंपा गया है, जबकि जांच के आदेश भी दिए जा चुके हैं।
स्थायीत्व की दरकार
गौरतलब है कि ए.डी.एल. सनशाइन स्कूल में प्रबंधन समिति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है, जो कई बार न्यायालय तक भी पहुंच चुका है। अब यह ताजा घटनाक्रम इस बात का स्पष्ट संकेत है कि स्कूल में आंतरिक राजनीति और टकराव की स्थिति बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग से उम्मीद की जा रही है कि वे हस्तक्षेप कर स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाएं।

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