Bihar News: भागलपुर में पुलिस पर सरकारी आवास किराया घोटाले के आरोप, पुलिस की चाल ने जांच टीम को चौंकाया
पुलिस अधिकारियों पर करोड़ों का फर्जी किराया वसूली का आरोप, जांच जारी

Bihar News: भागलपुर में पुलिस पर सरकारी आवास किराया घोटाले के आरोप, पुलिस की चाल ने जांच टीम को चौंकाया भागलपुर जिले में सरकारी आवास किराया घोटाले ने हलचल मचा दी है। आरोप है कि पुलिस विभाग के कुछ अधिकारियों ने सरकारी आवास के किराए में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये का नुकसान कराया है। जांच टीम जब मामला जांचने पहुंची तो उन्हें घोटाले के तरीके देखकर हैरानी हुई।
जाने क्या है पूरा मामला?
बताया गया है कि भागलपुर पुलिस अधिकारियों ने सरकारी आवासों का किराया फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया। कुछ अधिकारी पुराने किराएदारों के नाम पर किराया वसूली करते रहे, जबकि वे अब वहां रहते ही नहीं थे। वहीं, कुछ मामलों में एक ही सरकारी आवास को अलग-अलग नामों से किराए पर दिखाया गया। इससे सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान पहुंचा।
जांच टीम ने जब दस्तावेज खंगाले तो पाया कि कई आवास वर्षों से काल्पनिक किराएदार के नाम दर्ज थे, लेकिन हकीकत में वहां कोई रह नहीं रहा था। इसके अलावा, फर्जी रसीदों व दस्तावेजों के आधार पर ज्यादा किराया दिखाकर उच्चाधिकारियों को गुमराह किया गया।
जांच टीम की कार्रवाई और अब तक की प्रगति
इस मामले की जांच के लिए विशेष टीम बनाई गई। टीम ने कई दस्तावेज, रसीदें, और बैंक खाते खंगाले। जांच में सामने आया कि कुछ अधिकारियों ने पिछले कई सालों से किराया वसूली का फर्जी खेल खेला। टीम ने कुछ अधिकारियों के बैंक खाते और संपत्ति की भी जांच शुरू की है।
जांच टीम के सदस्य ने बताया इस घोटाले की जड़ें काफी गहरी हैं। कुछ दस्तावेज देखकर हम भी दंग रह गए कि यह फर्जीवाड़ा इतने व्यवस्थित तरीके से किया गया। अब तक कई अधिकारियों से पूछताछ हो चुकी है और कुछ को सस्पेंड भी किया जा सकता है।
भागलपुर में पहले भी हुए हैं ऐसे घोटाले
भागलपुर जिले में इससे पहले भी सृजन घोटाले जैसे कई बड़े सरकारी धन फर्जीवाड़े के मामले सामने आ चुके हैं। सृजन घोटाले में भी सरकारी फंड को फर्जी एनजीओ के माध्यम से हड़प लिया गया था, जिसमें कई अधिकारी और बैंक कर्मचारी शामिल थे। प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
Bihar News: लोगों और प्रशासन की प्रतिक्रिया
घोटाले की खबर सामने आते ही स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि प्रशासन से पारदर्शी जांच की मांग कर रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि सरकारी व्यवस्था में विश्वास बना रहे। प्रशासन ने भी जांच टीम को हर तरह के सहयोग देने का भरोसा दिया है।