
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीय रेलवे में हवाई यात्राओं जैसी लगेज पॉलिसी लागू करने की खबरों को पूरी तरह गलत बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दशकों से रेलवे में यात्रियों के सामान के वजन को लेकर नियम मौजूद हैं, लेकिन इसमें किसी भी तरह का नया बदलाव नहीं किया गया है।
वैष्णव ने कहा कि इसका यह मतलब नहीं है कि यात्रियों से अतिरिक्त सामान पर एयरलाइंस की तरह ज्यादा शुल्क वसूला जाएगा। उन्होंने साफ कहा, “लोगों में गलतफहमी पैदा की जा रही है, जबकि सामान को लेकर नियम पहले से ही तय हैं।”
क्या था विवाद?
हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि रेलवे अब एयरलाइंस की तरह लगेज पर कड़ा नियम लागू करने जा रहा है। इसके तहत तय सीमा से ज्यादा वजन होने पर यात्रियों को अतिरिक्त किराया देना होगा और रेलवे स्टेशनों पर सामान की जांच एयरपोर्ट की तरह होगी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, रेलवे ने पहले से ही अलग-अलग श्रेणी के कोचों के लिए सामान की सीमा तय कर रखी है।
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फर्स्ट AC कोच में यात्री 70 किलो तक का सामान मुफ्त ले जा सकते हैं।
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सेकंड AC में 50 किलो,
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थर्ड AC और स्लीपर क्लास में 40 किलो,
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वहीं, जनरल डिब्बे में 35 किलो तक की सीमा है।
रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया था कि ज्यादा सामान पर जुर्माना लगाया जाएगा और इसके लिए रेलवे स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक लगेज मशीनें लगाई जाएंगी। हालांकि, रेल मंत्री ने इन सभी दावों को खारिज कर दिया।
त्योहारों पर स्पेशल ट्रेनों को लेकर सफाई
बिहार चुनाव को देखते हुए दिवाली और छठ पर रेलवे द्वारा 12 हजार स्पेशल ट्रेनें चलाने पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे। इस पर वैष्णव ने कहा कि त्योहारों के दौरान लाखों लोग घर जाते हैं, ऐसे में यात्रियों की सुविधा के लिए अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था की जाती है।
उन्होंने बताया कि पिछले साल छठ और दिवाली पर 7 हजार स्पेशल ट्रेनें चलाई गई थीं। महाराष्ट्र में गणपति पर्व के दौरान 400 से अधिक ट्रेनें चलाई गईं। महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में भी अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था की जाती है। रेल मंत्री ने कहा कि ट्रेनों की संख्या चुनाव देखकर नहीं, बल्कि यात्रियों की जरूरत को ध्यान में रखकर बढ़ाई जाती है।
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