बरेली हिंसा मामला: मौलाना तौकीर रजा गिरफ्तार, 14 दिन की न्यायिक हिरासत

बरेली में जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस का दावा है कि बरेली में हुई हिंसा के पीछे तौकीर रजा की सीधी भूमिका है।
जांच एजेंसियों को इस मामले में टूलकिट, व्हाट्सऐप चैट्स, सोशल मीडिया पोस्ट, कॉल डिटेल्स, हथियार और 200 CCTV फुटेज जैसे सबूत मिले हैं। इन्हीं आधार पर पुलिस अब पूरे नेटवर्क की तहकीकात कर रही है।
7 नामजद
एसएसपी बरेली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मौलाना तौकीर रजा का नाम 7 एफआईआर में दर्ज किया गया है। पुलिस ने अब तक तौकीर रजा समेत 8 लोगों को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया है, जबकि 39 अन्य को हिरासत में लिया गया है। हिंसा के दौरान 22 पुलिसकर्मी घायल हुए थे, जिनमें से कई को छर्रे भी लगे। उनका मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है।
मुख्य मुकदमा कोतवाली थाने में दर्ज हुआ है, जिसमें धारा 109, 118 और कई गंभीर धाराएं शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि हिंसा के दौरान भीड़ को बार-बार समझाया गया, लेकिन वे इस्लामिया कैंपस की ओर बढ़ते रहे। घटनास्थल से ईंट-पत्थर, खोखा, जिंदा कारतूस, तमंचा और ब्लेड बरामद हुए हैं।
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डीएम ने हिंसा की पूरी कहानी बताई
प्रेस वार्ता में डीएम ने कहा कि पुलिस और प्रशासन ने पहले ही मौलाना तौकीर रजा को धारा 144 के लागू होने की जानकारी दे दी थी और अनुमति न देने की बात साफ कर दी थी। इसके बावजूद उन्होंने प्रदर्शन का ऐलान किया। शुक्रवार को नमाज के बाद कुछ लोग इस्लामिया इंटर कॉलेज की तरफ बढ़े और मजिस्ट्रेट व पुलिस से धक्का-मुक्की की, जिसके बाद हालात बेकाबू हो गए और पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
पुलिस का कहना है कि आरोपियों की पहचान तकनीकी और मैन्युअल दोनों तरीकों से की जा रही है। सभी संदिग्धों के मोबाइल डेटा की जांच की जा रही है ताकि हिंसा की पूरी साजिश का खुलासा हो सके।