
New Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के मामले में केंद्र सरकार से साफ जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हाल की घटनाओं, जैसे पहलगाम में हुआ हमला, को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। तब से लोग पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं।
New Delhi News: सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त 2025 को इस मामले की सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की जमीनी स्थिति को देखते हुए फैसला लेना जरूरी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि पूर्ण राज्य का दर्जा कब तक दिया जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि स्थानीय लोगों की भावनाओं को समझना जरूरी है। केंद्र को 8 हफ्तों में जवाब देना होगा।
पहलगाम हमले का जिक्र
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया। कोर्ट ने कहा कि ऐसी घटनाएं शांति और विकास में बाधा डाल सकती हैं। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि राज्य का दर्जा देने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अभी कुछ मुश्किल हालात हैं। उन्होंने कोर्ट से 8 हफ्ते का समय मांगा।
लोगों की उम्मीदें
जम्मू-कश्मीर के लोग लंबे समय से पूर्ण राज्य का दर्जा मांग रहे हैं। उनका मानना है कि इससे उनके अधिकार मजबूत होंगे और विकास को गति मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट की इस सुनवाई से लोगों में नई उम्मीद जगी है। कोर्ट के निर्देश के बाद अब केंद्र सरकार का जवाब अहम होगा।