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शोभा यात्रा में सबद-कीर्तन के साथ “प्रणाम शहीदां नु” का होता रहा उद्घोष, रक्तदान कर दी गई चार साहिबज़ादों को श्रद्धांजलि

जमशेदपुर: धर्म की रक्षा खातिर सर्वोच्च बलिदान देने वाले चार साहिबजादों की कुर्बानी को समर्पित शहीदी सप्ताह ‘सफर-ए-शहादत’ का आगाज शोभा यात्रा निकाल कर किया गया जहाँ “प्रणाम शहीदां नु”, “नूर ए इलाही संत सिपाही” का उद्घोष पूरी यात्रा के दौरान गूंजता रहा। रविवार को शोभा यात्रा के साथ-साथ सिख धर्मावलंबियों और अन्य समुदाय के लोगों ने 91 यूनिट रक्तदान कर धर्म के रक्षकों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की। शोभायात्रा में बीबीयों (महिलाओं) की संख्या अधिक थी जो पूरे मार्ग में गुरबानी कीर्तन करती हुई माहौल और वातावरण को पवित्र बना रहीं थीं।

अहले सुबह ‘आसा दी वार’ पाठ समाप्ति के बाद शोभा यात्रा में सबसे आगे निशान साहिब जबकि दसों गुरुओं की जोत धन धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब पालकी साहिब में विराजमान थे। पंज प्यारे निशान साहिब लेकर और बीबियां कृपाण लेकर पंज प्यारे के रूप में शोभायात्रा में शामिल हुईं। गतका पार्टी और बैंडपार्टी भी शोभायात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे। सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (सीजीपीसी) के प्रधान सरदार भगवान सिंह, महासचिव गुरचरण सिंह बिल्ला, सुखदेव सिंह बिट्टू, सरबजीत सिंह ग्रेवाल, हरजिंदर सिंह, त्रिलोचन सिंह तोची, सुरेंद्र सिंह छिंदे, नौजवान सभा के अमरीक सिंह के अलावा राजनीतिक क्षेत्र से कुलवंत सिंह बंटी भी शोभायात्रा में शामिल हुए। भगवान सिंह संबोधित करते हुए कहा कि आज यदि धर्म जीवित है और सिखों और हिंदुओं का अस्तित्व है तो केवल और केवल गुरु महाराज की के सपूतों चारों साहिबजादों के बलिदान का नतीजा है।

मानगो गुरुद्वारा के महासचिव जसवंत सिंह जस्सू ने बताया कि चारों साहिबजादों की स्मृति में नेत्र जांच शिविर और रक्तदान शिविर भी लगाया गया था। संजीवनी नेत्रालय के सहयोग से लगाए गए नेत्र जांच शिविर में 69 जनों की जांच की गई। वहीं रक्तदान शिविर में 91 यूनिट रक्त इकट्ठा किया गया। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, मानगो, समूह साध संगत के सौजन्य से आयोजित ‘सफर-ए-शहादत’ के उपलक्ष्य में निकाली गई शोभायात्रा मानगो गुरुद्वारा से शुरू होकर मानगो चौक, डिमना रोड होता हुआ गोल्डी होटल गोलचक्कर से मस्जिद रोड होती हुई वापस मानगो गुरुद्वारा में समाप्त हुई। जस्सू ने यह भी बताया कि शाम को श्री गुरुद्वारा सिंह सभा मानगो में 80 दिनों से संगति रूप में चल रहे सहज पाठ का समापन भी संपन्न हुआ।

बताते चलें कि हर वर्ष 21 से 27 दिसंबर तक सिख धर्म को मानने वाले लोग शहीदी सप्ताह के रूप में मनाते हैं। इस दौरान सिख समाज शोक में डूबा हुआ रहता है, शहीदी सप्ताह के दौरान उत्सव का कोई कार्य सिख समाज में नहीं किए जाते हैं।
मानगो गुरुद्वारा के महासचिव जसवंत सिंह जस्सू ने बताया कि शहीदी सप्ताह ‘सफर-ए-शहादत’ 22 और 23 दिसंबर को मानगो गुरुद्वारा जबकि 24 से 27 दिसंबर तक साकची गुरुद्वारा मैदान में महान कीर्तन दरबार के आयोजन के साथ-साथ सिख पंथ के प्रचारक सुखप्रीत सिंह उधोके शहीदी गाथा को कथा के रूप में प्रस्तुत करेंगे।‘सफर-ए-शहादत’ के विशेष आयोजन में साकची गुरुद्वारा मैदान में 24 से 27 दिसंबर तक शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक आयोजत होंगे जहाँ जमशेदपुर के कीर्तनीये संगत को सबद कीर्तन से निहाल करेंगे। महान प्रचारक सुखप्रीत सिंह उधोके संगत को साहिबजादों, माता गुजर कौर और अनेक सिख शहीदों की शहीदीगाथा को कथा के रूप में प्रस्तुत करेंगे। सरदार भगवान सिंह और जसवंत सिंह जस्सू ने अपील करते हुए कहा कि गुरु रूप संगत स्वयं ‘सफर-ए-शहादत’ में हाजरी भरें साथ ही अपने बच्चों और अन्य को शहीदी सप्ताह में शामिल होने के लिए प्रेरित करें। संगत के लिए गुरु का अटूट लंगर बरताया जायेगा। शोभायात्रा को सफल बनाने में सुखवंत सिंह सुख्खु, मनदीप सिंह, अंतिम सिंह, अमृतपाल सिंह, हरविंदर सिंह, हीरा सिंह, चरणजीत सिंह, गुरमीत सिंह, गुरकंवल सिंह, अमरीक सिंह, हरमीत सिंह, कुलदीप सिंह, कश्मीर सिंह ने सराहनीय भूमिका निभाई।

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