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Bihar Election 2025: BJP के एक-एक टिकट पर 20 से ज्यादा दावेदार, 5000 आवेदनों ने बढ़ाई हाईकमान की टेंशन

BJP के एक-एक टिकट पर 20 से ज्यादा दावेदार, हाईकमान की बढ़ी टेंशन

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान भले ही अभी न हुआ हो, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में टिकट को लेकर घमासान शुरू हो गया है। पार्टी के टिकट की मांग इस बार चरम पर है, जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य की 243 विधानसभा सीटों के लिए बीजेपी को 5,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसका मतलब है कि औसतन हर एक सीट पर 20 से ज्यादा दावेदार अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं। इन आवेदनों में सबसे बड़ी संख्या युवाओं की है, जो पार्टी के लिए एक सकारात्मक संकेत भी है और एक बड़ी चुनौती भी।

एक अनार, 20 बीमार: 243 सीटों के लिए 5000 से ज्यादा आवेदन

यह स्थिति तब है जब बीजेपी एनडीए गठबंधन के तहत सभी 243 सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी। सीट बंटवारे के फॉर्मूले के तहत बीजेपी के खाते में लगभग 105 से 115 सीटें आने का अनुमान है। अगर इस हिसाब से देखें, तो हर एक सीट पर दावेदारों की संख्या 45 के पार पहुंच जाती है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, इस बार टिकट मांगने वालों की संख्या ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह दिखाता है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं में चुनाव को लेकर जबरदस्त उत्साह है और उन्हें लगता है कि इस बार एनडीए की जीत निश्चित है।

Bihar Election 2025: युवाओं में बीजेपी का टिकट लेने की होड़

इन 5,000 से अधिक आवेदनों में एक खास बात यह है कि इनमें बड़ी संख्या युवा चेहरों की है। कई युवा मोर्चा के कार्यकर्ता, छात्र नेता और विभिन्न युवा पहली बार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं। बीजेपी इसे अपनी युवा-केंद्रित नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से जोड़कर देख रही है। पार्टी का मानना है कि युवाओं का यह रुझान दिखाता है कि बिहार का युवा अब विकास और राष्ट्रवाद की राजनीति के साथ खड़ा है।

कैसे चुना जाएगा उम्मीदवार? ‘जिताऊ’ होना पहली शर्त

इतनी बड़ी संख्या में आवेदनों के बीच सही उम्मीदवार का चयन करना बीजेपी नेतृत्व के लिए एक बड़ी चुनौती है। पार्टी ने उम्मीदवार चयन के लिए एक बहु-स्तरीय प्रक्रिया बनाई है। सबसे पहले, सभी आवेदनों की जिला स्तर पर छंटनी की जाएगी। इसके बाद, हर सीट के लिए 3 से 5 सबसे मजबूत दावेदारों का एक पैनल तैयार किया जाएगा। यह पैनल प्रदेश चुनाव समिति को भेजा जाएगा, जो अपने सर्वे और फीडबैक के आधार पर अंतिम सिफारिश केंद्रीय चुनाव समिति को भेजेगी। अंतिम फैसला दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा की सहमति से ही होगा। पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि उम्मीदवार चयन का एकमात्र और सबसे बड़ा मानदंड ‘जिताऊ’ (Winnability) होना होगा।

हाईकमान के लिए ‘खुशी’ भी, ‘सिरदर्द’ भी

एक तरफ जहां टिकट के लिए इतनी बड़ी संख्या में आवेदन आना पार्टी के लिए ‘खुशी’ की बात है, क्योंकि यह उसकी बढ़ती ताकत को दिखाता है, वहीं यह एक बड़ा ‘सिरदर्द’ भी है। हर सीट पर इतने सारे दावेदारों को संतुष्ट करना और टिकट न मिलने पर होने वाली बगावत को रोकना पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।

Sanjna Gupta
Author: Sanjna Gupta

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