Bihar News: बिहार में लालू यादव ने 1992 में ही महिलाओं को दिया था 2 दिन का पीरियड लीव, अब कर्नाटक ने अपनाई नीति
कर्नाटक सरकार द्वारा महिला कर्मचारियों को पीरियड लीव दिए जाने के बाद बिहार की 1992 की नीति चर्चा में है।

Bihar News: कर्नाटक सरकार ने 10 अक्टूबर 2025 को सरकारी और प्राइवेट सेक्टर की महिला कर्मचारियों के लिए हर महीने एक दिन का पीरियड लीव मंजूर किया है। यह फैसला महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया, लेकिन बिहार पहले ही यह कदम उठा चुका है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष और पूर्व बिहार मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने 1992 में सरकारी महिला कर्मचारियों के लिए हर महीने 2 दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश (पीरियड लीव) लागू किया था। यह नीति उस समय सिर्फ सरकारी कर्मचारियों तक सीमित थी, क्योंकि 1992 में बिहार में प्राइवेट सेक्टर का खास अस्तित्व नहीं था। कर्नाटक की नीति अब प्राइवेट सेक्टर को भी कवर करती है, जहां महिलाओं की नौकरी में हिस्सेदारी 31.50 प्रतिशत है।
लालू यादव की नीति का ऐतिहासिक महत्व
लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल (1990-1997) में यह नीति महिलाओं के मासिक धर्म संबंधी स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई थी। 1992 में बिहार देश का पहला राज्य बना, जहां महिलाओं को यह हक दिया गया। नीति के तहत सरकारी महिला कर्मचारियों को हर महीने 2 दिन का विशेष अवकाश मिलता था। यह फैसला उस समय महिलाओं के कार्यस्थल पर स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए क्रांतिकारी था। लेखक रितेश वर्मा ने कहा, लालू यादव वर्तमान में रेल मंत्री के कार्यकाल में होटल आवंटन घोटाले के कारण सुर्खियों में हैं, लेकिन उनकी पुरानी नीति अब फिर चर्चा का विषय बनी हुई है।
कर्नाटक की नीति: प्राइवेट सेक्टर तक विस्तार
कर्नाटक सरकार ने अब प्राइवेट सेक्टर को भी शामिल किया है। इससे पहले केरल और ओडिशा में समान नीतियां हैं, लेकिन सीमित दायरे में। केरल में उच्च शिक्षण संस्थानों और आईटीआई की छात्राओं को हर महीने 2 दिन का पीरियड लीव मिलता है। कुछ संस्थान वीकेंड पर अतिरिक्त कक्षाएं चलाकर पढ़ाई की भरपाई करते हैं। ओडिशा में एक साल पहले 55 वर्ष की आयु तक की सरकारी महिला कर्मचारियों के लिए हर महीने एक दिन का पीरियड लीव लागू किया गया। कर्नाटक का फैसला महिलाओं के कार्यस्थल पर स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का संकेत है।