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मालदीव की स्वतंत्रता समारोह में मुख्य अतिथि होंगे पीएम मोदी, 25-26 जुलाई को करेंगे राजकीय यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 और 26 जुलाई 2025 को मालदीव की राजकीय यात्रा पर जा रहे हैं। यह यात्रा मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू के आमंत्रण पर हो रही है। पीएम मोदी इस दौरान 26 जुलाई को मालदीव की आज़ादी की 60वीं वर्षगांठ समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह पहली बार होगा जब मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद कोई विदेशी राष्ट्राध्यक्ष मालदीव की यात्रा करेगा।

यात्रा के प्रमुख उद्देश्य

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने के लिए व्यापक वार्ता होगी। इसमें खासतौर पर ‘भारत-मालदीव व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ की समीक्षा की जाएगी, जिसे मुइज्जू की अक्टूबर 2024 की भारत यात्रा के दौरान अपनाया गया था। यह यात्रा भारत की “पड़ोसी पहले” नीति और “विजन सागर” के तहत समुद्री पड़ोसी देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में अहम मानी जा रही है।

हालिया पृष्ठभूमि और संबंधों में बदलाव

भारत और मालदीव के रिश्तों में हाल के वर्षों में तनाव आया था, खासकर मुइज्जू के ‘इंडिया आउट’ कैंपेन और चीन की ओर झुकाव के चलते। हालांकि, दोनों देशों ने हाल ही में द्विपक्षीय सहयोग को फिर से मज़बूत करने की दिशा में कई पहल की हैं। भारत ने मालदीव को 400 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद और 3000 करोड़ रुपये का मुद्रा स्वैप समझौता देकर भरोसे की बहाली में योगदान दिया है।

चर्चा के मुख्य विषय

  • आर्थिक सहयोग: भारत और मालदीव के बीच व्यापार, निवेश, और संभावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर बातचीत होगी। भारत ने मालदीव के लिए 2025-26 के बजट में 600 करोड़ रुपये की सहायता राशि का प्रावधान भी किया है।

  • समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी: मालदीव की सामरिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

  • संयुक्त परियोजनाओं का उद्घाटन: पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू हनिमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की नई रनवे जैसी परियोजनाओं का उद्घाटन कर सकते हैं।

  • जन-संपर्क और पर्यटन: मालदीव के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने और भारतीय पर्यटकों को प्रोत्साहित करने पर भी चर्चा होगी। मुइज्जू पहले ही ‘बायकॉट मालदीव’ अभियान से प्रभावित पर्यटन को फिर से पटरी पर लाने की इच्छा जता चुके हैं।

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