
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर चल रही संसदीय बहस में कांग्रेस पार्टी ने उन प्रमुख नेताओं को नजरअंदाज कर दिया, जो पहले इसी मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इनमें तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर, चंडीगढ़ से सांसद मनीष तिवारी और फतेहगढ़ साहिब से सांसद अमर सिंह जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा और सलमान खुर्शीद भी उस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे, लेकिन फिलहाल संसद सदस्य नहीं हैं।
इसको लेकर अब राजनीतिक गलियारों में सवाल उठने लगे हैं, और खुद मनीष तिवारी ने इस पर तंज कसा है।
देशभक्ति गीत से तिवारी का व्यंग्यात्मक जवाब
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक मीडिया रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए व्यंग्य भरे लहजे में एक प्रसिद्ध देशभक्ति गीत की पंक्तियाँ पोस्ट कीं: “है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं, भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं। जय हिंद।”
उनकी इस पोस्ट को कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना माना जा रहा है।
क्यों नहीं शामिल किए गए वरिष्ठ नेता?
एक प्रमुख अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस ने इस बार संसद में बहस के लिए नए चेहरों को प्राथमिकता दी है। पार्टी के एक सांसद के हवाले से कहा गया है कि पूर्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का पक्ष रखने वाले कुछ नेताओं ने सरकार के नजरिए से मेल खाते बयान दिए थे। इसलिए अब विपक्ष और आम लोगों की चिंताओं को उजागर करने के लिए नए वक्ताओं को मौका दिया गया है।
हालांकि, यह निर्णय पार्टी के भीतर असंतोष को भी उजागर करता है, क्योंकि शशि थरूर और मनीष तिवारी जैसे अनुभवी नेता विदेश नीति और सुरक्षा मामलों में अच्छी पकड़ रखते हैं।
कांग्रेस शुरू से कर रही आलोचना
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में 33 देशों तक किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभियान को लेकर पहले से सवाल उठाती रही है। पार्टी का आरोप है कि इस अभियान का अधिकतर उद्देश्य प्रचार था, जबकि जमीनी मुद्दों की अनदेखी की गई।
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