मकर संक्रांति पर स्वच्छता कर्मियों के बच्चों के बीच पहुंचे एसडीओ, ड्रॉपआउट रोकने के लिए मोहल्ले में शुरू हुआ शिक्षण केंद्र

गढ़वा : मकर संक्रांति मंगलवार को अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने टंडवा स्थित स्वच्छता कर्मियों की बस्ती में जाकर स्वच्छता कर्मियों के बच्चों के साथ एक घंटा वक्त दिया। दानरो के किनारे टंडवा मोहल्ले के वार्ड 19 में स्थित सामुदायिक केंद्र में लगभग ऐसे 70 नौनिहाल बच्चों को एकत्रित कर सभी बच्चों को पढ़ाई के प्रति जागरुक करते हुए बताया गया कि कल से इस सामुदायिक भवन में फिर से उनके लिए निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की जा रही है।
दरअसल दानरो नदी किनारे इस बस्ती में शहर के ज्यादातर स्वच्छता कर्मी भाई बहनों के परिवार निवास करते हैं। जबकि यहां के कुछ परिवार लंबे समय से बीड़ी बनाने का भी कार्य करते आ रहे हैं। स्वच्छता कर्मियों के इन परिवारों में यही परंपरा चली आ रही है कि इनकी नयी पीढ़ियां भी सफाई कार्य को ही अपनी जीविका बना ले रही हैं। शायद यही कारण है कि एक दो परिवारों को छोड़कर ज्यादातर परिवार अपने बच्चों की शिक्षा दीक्षा पर जितना ध्यान देना चाहिए उतना नहीं दे पाते हैं। फलस्वरूप या तो बच्चे स्कूल जाते नहीं हैं और अगर जाते भी हैं तो कुछ सालों बाद किसी कारणवश स्कूल छोड़ देते हैं। पढ़ाई छोड़कर अपने पारंपरिक स्वच्छता से जुड़े कार्यों में या अन्य मजदूरी के कार्य में लग जाते हैं यही सिलसिला वर्षों से जारी है। इसको लेकर एसडीओ ने अपने पूर्व के कार्यकाल में इन बच्चों के लिए “शिक्षा दीप” नाम से एक विशेष शिक्षण व्यवस्था की थी किंतु किसी कारण से बाद में वह बंद हो गई।
कल से फिर शुरू होगा शिक्षा दीप
इन सफाई कर्मी परिवारों के बच्चों के लिए कल से फिर निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था शुरू की जा रही है, ताकि इन बच्चों में ड्रॉप आउट की प्रवृत्ति घटे। साथ ही उनको लगातार अभिप्रेरित किया जा सके।
संजय कुमार ने कहा कि प्रत्येक बच्चा अपने आप में बेमिसाल होता है उसे केवल अच्छा रास्ता दिखाने की जरूरत होती है। उन्होंने इनके अभिभावकों से भी इस धारणा को त्यागने का अनुरोध किया कि सफाई कर्मी का बच्चा सफाई कर्मी ही बनेगा। कहा कि अगर अच्छा मार्गदर्शन मिले तो उनके मोहल्ले के बच्चे भी अच्छे-अच्छे बड़े पदों तक जा सकते हैं।
समाजसेवियों से भी आगे की अपील
संजय कुमार ने शहर के सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी इस प्रकार की गतिविधियों में सक्रियता हेतु आगे आने की अपील की। उनकी अपील पर शहर के समाजसेवी डॉक्टर पतंजलि केसरी ने भी इस अनौपचारिक शिक्षण संस्थान को गोद लेने की पेशकश की है। आज अनुमंडल पदाधिकारी के साथ श्री केसरी भी मौजूद थे। एसडीओ ने कहा कि यदि सक्षम और पढ़े-लिखे लोग समाज के अंतिम पायदान के परिवारों के बच्चों की शिक्षा दीक्षा की चिंता करेंगे तो निश्चित रूप से शिक्षा का वास्तविक स्तर बढ़ेगा।
इस दौरान बच्चों के अभिभावकों के अलावा स्थानीय नागरिक भी मौजूद थे।

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