Jharkhand News: झारखंड आंदोलनकारियों के लिए हेमंत सोरेन का बड़ा ऐलान, 780 परिवारों को मिलेगी 1 एकड़ जमीन और 15 लाख रुपये
झारखंड, आंदोलनकारियों के 780 परिवारों को मिलेगा पुनर्वास पैकेज, 1 एकड़ जमीन, 15 लाख और नौकरी।

Jharkhand News: झारखंड के 25वें स्थापना दिवस से ठीक पहले, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने राज्य के आंदोलनकारियों के परिवारों को एक ऐतिहासिक तोहफा दिया है। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में, सरकार ने अलग झारखंड राज्य के लिए हुए आंदोलन के दौरान शहीद या स्थायी रूप से विकलांग हुए 780 आंदोलनकारियों के आश्रित परिवारों के लिए एक बड़े पुनर्वास पैकेज को मंजूरी दे दी है। इस पैकेज के तहत, प्रत्येक पीड़ित परिवार को एक एकड़ कृषि भूमि, घर बनाने के लिए 15 लाख रुपये, एक सदस्य को सरकारी नौकरी और मासिक पेंशन दी जाएगी।
Jharkhand News: जानें क्या-क्या मिलेगा पैकेज में
इस नई पुनर्वास नीति के तहत, आंदोलन के दौरान शहीद हुए या स्थायी रूप से विकलांग हुए आंदोलनकारियों के 780 आश्रित परिवारों को लाभ दिया जाएगा। प्रत्येक परिवार को ग्रामीण क्षेत्र में खेती के लिए एक एकड़ कृषि भूमि और शहरी क्षेत्र में अपना घर बनाने के लिए 15 लाख रुपये की एकमुश्त राशि दी जाएगी। इसके अलावा, शहीद के आश्रित (पत्नी/पति) को 7000 रुपये की मासिक पेंशन देने का भी प्रावधान किया गया है। सबसे महत्वपूर्ण घोषणा यह है कि प्रत्येक पीड़ित परिवार के एक सदस्य को उनकी योग्यता के अनुसार तृतीय या चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरी दी जाएगी।
कौन हैं ये 780 परिवार?
इस योजना का लाभ उन परिवारों को मिलेगा, जिनकी पहचान ‘झारखंड आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग’ द्वारा की गई है। इस आयोग का गठन उन लोगों की पहचान करने के लिए किया गया था, जिन्होंने अलग झारखंड राज्य के निर्माण के लिए हुए आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया था और इस दौरान या तो शहीद हो गए या फिर पुलिस की कार्रवाई में गंभीर रूप से घायल होकर स्थायी रूप से विकलांग हो गए। ये परिवार लंबे समय से सरकारी मदद और सम्मान का इंतजार कर रहे थे।
25वें स्थापना दिवस से पहले बड़ा कदम
सरकार का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब झारखंड 15 नवंबर, 2025 को अपनी स्थापना का 25वां वर्ष (सिल्वर जुबली) मनाने की तैयारी कर रहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), जिसकी अगुवाई में राज्य का गठन हुआ था, इस मौके पर आंदोलनकारियों को सम्मानित करके राज्य की अस्मिता और पहचान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाना चाहती है। इसे आगामी विधानसभा चुनाव से पहले हेमंत सोरेन सरकार का एक बड़ा राजनीतिक कदम भी माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य अपने कोर वोट बैंक को एक भावनात्मक संदेश देना है।
जल्द शुरू होगी लाभ देने की प्रक्रिया
कैबिनेट से इस नीति को मंजूरी मिलने के बाद, अब संबंधित जिलों के उपायुक्तों को इन 780 चिह्नित परिवारों की पहचान करने और उन्हें पैकेज का लाभ देने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि स्थापना दिवस (15 नवंबर) के अवसर पर आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में कुछ परिवारों को सांकेतिक रूप से नियुक्ति पत्र और अन्य लाभ सौंपे जाएं।