JDU Leaders Join RJD: चुनाव से पहले नीतीश कुमार को बड़ा झटका, पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा समेत JDU के 3 बड़े नेता RJD में शामिल
चुनाव से पहले JDU में बड़ी सेंध, पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा समेत 3 नेता RJD में हुए शामिल

JDU leaders join RJD: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में राजनीतिक दल-बदल का खेल भी तेज हो गया है। शुक्रवार को एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) को करारा झटका लगा है। JDU के कद्दावर नेता और पूर्णिया से पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा ने अपने कई प्रमुख सहयोगियों के साथ पार्टी छोड़कर तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दामन थाम लिया है।
तीन बड़े नेताओं ने छोड़ा JDU का साथ
संतोष कुशवाहा अकेले RJD में शामिल नहीं हुए हैं, बल्कि अपने साथ दो और प्रभावशाली नेताओं को भी लेकर आए हैं। इनमें जहानाबाद के घोसी से पूर्व विधायक राहुल शर्मा और JDU के एक अन्य नेता चाणक्य प्रकाश शामिल हैं। चाणक्य प्रकाश, JDU सांसद दिनेश चंद्र यादव के बेटे हैं। इन तीनों नेताओं का एक साथ RJD में शामिल होना चुनाव से ठीक पहले JDU के लिए एक बड़ी क्षति और RJD के लिए एक महत्वपूर्ण बढ़त के रूप में देखा जा रहा है।
क्यों छोड़ा JDU का दामन?
संतोष कुशवाहा ने पार्टी छोड़ने का मुख्य कारण JDU में अपनी ‘अनदेखी’ और सम्मान न मिलने को बताया है। वह 2024 के लोकसभा चुनाव में पूर्णिया सीट से पप्पू यादव के खिलाफ मामूली अंतर से हार गए थे, जिसके बाद से ही वह पार्टी के भीतर हाशिए पर चल रहे थे। RJD में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि वह तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार के विकास के लिए काम करना चाहते हैं और RJD ही ‘A to Z’ की सच्ची पार्टी है।
RJD का मास्टरस्ट्रोक, JDU को दोहरा झटका
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करना तेजस्वी यादव का एक ‘मास्टरस्ट्रोक’ है।
कुशवाहा वोट बैंक में सेंध: संतोष कुशवाहा, कुशवाहा समाज के एक बड़े नेता माने जाते हैं, जो JDU का एक प्रमुख वोट बैंक रहा है। उनके RJD में आने से RJD को सीमांचल और कोसी क्षेत्र में कुशवाहा वोटों को अपनी ओर खींचने में मदद मिलेगी।
सवर्ण मतदाताओं को संदेश: घोसी से पूर्व विधायक राहुल शर्मा भूमिहार समुदाय से आते हैं। उन्हें पार्टी में शामिल करके तेजस्वी यादव यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि RJD अब केवल मुस्लिम-यादव (M-Y) की पार्टी नहीं है, बल्कि यह ‘A to Z’ यानी सभी जातियों और समुदायों का प्रतिनिधित्व करती है।
क्या होगा आगे का समीकरण?
चुनाव की अधिसूचना जारी होने के ठीक बाद JDU में हुई इस बड़ी टूट का असर निश्चित रूप से बिहार के चुनावी समीकरणों पर पड़ेगा। यह RJD के कार्यकर्ताओं में एक नया जोश भरेगा, वहीं JDU को अपने घर को संभालने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब दोनों गठबंधन, NDA और महागठबंधन, सीटों के बंटवारे को लेकर अंतिम दौर की बातचीत कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि JDU अपने कुनबे को और बिखरने से कैसे रोकती है और RJD इस मौके का कितना फायदा उठा पाती है।