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जापान ने चीन के 'दरवाजे' पर तैनात कर दी मिसाइल, ड्रैगन के लिए खतरे की घंटी? ताइवान विवाद में बढ़ा तनाव

जापान के रक्षा मंत्री ने सैन्य अड्डे का दौरा किया, चीन ने कहा- जापान के नेता ने ताइवान में सैन्य हस्तक्षेप की बात करके 'रेड लाइन' पार की।

International News: एशिया में तनाव की आग फिर भड़कने लगी है। जापान ने अपने सबसे दक्षिणी द्वीप योनागुनी पर मिसाइल तैनात कर दी है, जो ताइवान से महज 112 किलोमीटर दूर है। चीन इसे अपनी ‘रेड लाइन’ पार करने वाला कदम बता रहा है। दोनों देशों के बीच ताइवान को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है। जापान के रक्षा मंत्री ने इस सैन्य अड्डे का दौरा किया, तो चीन ने कड़ी चेतावनी दी। यह घटना पूर्वी चीन सागर और ताइवान जलडमरूध्य में युद्ध के बादल मंडरा रही है। अमेरिका भी चुपचाप नजर रख रहा है।

योनागुनी पर मिसाइल तैनाती: जापान की रक्षा रणनीति का नया अध्याय

जापान ने योनागुनी द्वीप को अपनी दक्षिणी रक्षा की मजबूत कड़ी बना लिया है। यहां मिसाइल तैनात करने से चीन की नौसेना को रोकने की क्षमता बढ़ गई है। रक्षा मंत्री शिंजिरो कोइजूमी ने रविवार को इस सैन्य अड्डे का दौरा किया। उन्होंने कहा कि यह कदम हमले की आशंका को कम करेगा, बढ़ाएगा नहीं। योनागुनी जापान का सबसे पश्चिमी बिंदु है, जो ताइवान जलडमरूध्य के मुहाने पर स्थित है। यहां पहले ही एंटी-शिप मिसाइलें तैनात हैं। जापान ने इशिगाकी और मियाको द्वीपों पर भी हवाई निगरानी प्रणाली लगाई है। यह द्वीप अमेरिका-जापान की संयुक्त रक्षा के लिए रणनीतिक महत्व रखता है। ताइवान संकट में यह निगरानी और हमले रोकने का केंद्र बनेगा।

चीन का गुस्सा फूटा: विदेश मंत्री वांग यी ने दी ‘मुंहतोड़ जवाब’ की धमकी

चीन ने जापान के इस कदम को गंभीरता से लिया है। विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जापान के नए प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने ताइवान में सैन्य हस्तक्षेप की बात करके रेड लाइन पार कर दी। वांग ने कहा, “जापान के वर्तमान नेताओं ने ताइवान मुद्दे पर सैन्य हस्तक्षेप की खुली धमकी देकर गलत संदेश दिया है। ऐसी बातें कहीं हैं जो उन्हें नहीं कहनी चाहिए थीं और ऐसी सीमा लांघी है जहां उन्हें पहुंचना ही नहीं चाहिए था।” चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि जापान को चीन की संप्रभुता का सम्मान करना होगा। वांग ने चेतावनी दी कि चीन जापान की इन हरकतों का ‘मुंहतोड़ जवाब’ देगा। यह बयान ताइवान पर चीन की नजरों को और साफ कर रहा है।

ताइवान जलडमरूध्य का संकट: चीन की ‘प्रथम द्वीप श्रृंखला’ पर जापान की नजर

यह तनाव ताइवान जलडमरूध्य के इर्द-गिर्द घूम रहा है। योनागुनी चीन की ‘प्रथम द्वीप श्रृंखला’ (फर्स्ट आइलैंड चेन) का हिस्सा है, जो पूर्वी चीन सागर को ताइवान से जोड़ता है। जापान इसे अपनी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण मानता है। ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने हाल ही में कहा था कि चीन पर काउंटर स्ट्राइक की क्षमता बढ़ानी होगी। चीन ने इसे आक्रामक बताया। अमेरिका ने जापान का साथ देते हुए कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति जरूरी है। लेकिन विशेषज्ञ चेताते हैं कि यह तनाव युद्ध की ओर ले जा सकता है। जापान ने अपनी सेना को मजबूत करने के लिए बजट बढ़ाया है।

Sanjna Gupta
Author: Sanjna Gupta

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