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अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर को भेजा ₹100 करोड़ का नोटिस, क्या है कारण?

डेस्क: बिहार की राजनीति में एक बार फिर विवाद गहरा गया है। राज्य सरकार में ग्रामीण कार्य मंत्री और जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने जन सुराज अभियान के प्रमुख प्रशांत किशोर (पीके) को ₹100 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा है। चौधरी ने कहा है कि किशोर ने उनके और उनके परिवार पर बेबुनियाद आरोप लगाकर प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने की कोशिश की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि किशोर सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगते, तो वे अदालत का सहारा लेंगे।

कुछ दिन पहले पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि अशोक चौधरी ने बीते दो सालों में अपनी पत्नी, बेटी, समधन और उनसे जुड़े मानव वैभव विकास ट्रस्ट के जरिये करीब ₹200 करोड़ की जमीन खरीदी है। पीके ने यह भी कहा था कि इस ट्रस्ट की देखरेख चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी की सास अनीता कुणाल करती हैं।

इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि पीके न सिर्फ गलत दावे कर रहे हैं, बल्कि उनके परिवार की छवि धूमिल करने की कोशिश भी कर रहे हैं। चौधरी ने चुनौती दी कि किशोर सबूत पेश करें। उन्होंने कहा कि “राजनीति में निराधार बयानबाजी से सच्चाई छिपाई नहीं जा सकती।”

पुराना विवाद भी उठा

यह पहला मौका नहीं है जब दोनों नेताओं में टकराव हुआ हो। इससे पहले जून 2024 में भी चौधरी ने किशोर पर मानहानि का मामला दर्ज कराया था। तब किशोर ने आरोप लगाया था कि चौधरी ने अपनी बेटी शांभवी चौधरी को लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए टिकट खरीदने की कोशिश की थी।

गौरतलब है कि शांभवी चौधरी ने 2024 लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रा) के टिकट पर समस्तीपुर सीट से जीत दर्ज की थी और संसद पहुंचीं। अब नए आरोपों और नोटिस ने बिहार की राजनीति को एक बार फिर गरमा दिया है।

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