अश्विन ने तोड़ी चुप्पी: बताया संन्यास लेने पर किसने किया मजबूर

पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने उन अटकलों पर आखिरकार चुप्पी तोड़ी, जिनमें कहा जा रहा था कि उन्हें जबरन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने पर मजबूर किया गया। 39 वर्षीय अश्विन ने 2024-25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के ब्रिस्बेन टेस्ट के दौरान अचानक संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह फैसला पूरी तरह निजी था।
“वे चाहते थे कि मैं और खेलूं”
अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा: “किसी ने मुझसे नहीं कहा कि तुम्हें जाना चाहिए। किसी ने यह नहीं कहा कि टीम में तुम्हारे लिए जगह नहीं है। मेरे फैसला लेने से पहले 2-3 लोगों ने मुझे मना किया, वे चाहते थे कि मैं और खेलूं। लेकिन मैंने अपना निर्णय ले लिया।”
उन्होंने बताया कि कप्तान रोहित शर्मा और गौतम गंभीर ने भी उन्हें फैसला दोबारा सोचने की सलाह दी थी, जबकि चयन समिति अध्यक्ष अजीत अगरकर से उन्होंने ज्यादा चर्चा नहीं की। “जब संन्यास की बात आती है तो यह बेहद व्यक्तिगत निर्णय होता है। यह खिलाड़ी के अनुभव, शरीर और मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है।” – अश्विन
रोहित-कोहली पर बड़ा बयान
अश्विन ने सीनियर खिलाड़ियों रोहित शर्मा और विराट कोहली पर भी ध्यान केंद्रित किया, जो पहले ही टेस्ट और T20I से संन्यास ले चुके हैं, लेकिन अभी वनडे टीम का हिस्सा हैं। अश्विन ने कहा कि टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं को उनके साथ स्पष्ट संवाद बनाए रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने कोहली को “एक सच्चा वनडे दिग्गज” बताया और 2023 विश्व कप में उनके प्रदर्शन की सराहना की।
अश्विन ने कहा “इन खिलाड़ियों का अनुभव अमूल्य है और इसे किसी दुकान से नहीं खरीदा जा सकता। उम्मीद है कि उनकी भूमिकाओं पर आवश्यक बातचीत हो चुकी होगी।”
हाल ही में शुभमन गिल को वनडे कप्तान बनाया गया। इस फैसले ने नई पीढ़ी को अवसर दिया है, लेकिन सीनियर खिलाड़ियों की भूमिका पर सवाल भी उठे हैं। अश्विन के बयान से साफ है कि युवा और अनुभवी खिलाड़ियों के बीच संतुलन बनाना टीम मैनेजमेंट के लिए बड़ी चुनौती है।