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वर्दी के पीछे भी धड़कता है एक इंसानी दिल: Police officers set an example of humanity by donating blood.

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चाईबासा: यह सर्वविदित है कि रक्त का कोई विकल्प नहीं होता — यह ईश्वर की वह अनुपम देन है, जो मनुष्य से मनुष्य को ही मिल सकती है। रक्तदान वह कर्म है, जिसमें ऊंच-नीच, जाति-मजहब की दीवारें गिर जाती हैं और केवल इंसानियत बचती है। इसी इंसानियत के धर्म को निभाते हुए पुलिस अधीक्षक श्री आशुतोष शेखर एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (सदर) श्री बहामन टूटी ने पुलिस लाइन, चाईबासा में आयोजित रक्तदान शिविर में भाग लेकर अपने रक्त का अंश दान किया।
इन दोनों वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने यह सिद्ध कर दिया कि वर्दी केवल कानून का प्रतीक नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और सेवा-भावना का परिचायक भी है। उनके इस प्रेरणादायक कदम ने न केवल रक्तदाताओं को उत्साहित किया, बल्कि समाज के प्रति उनके समर्पण को भी दर्शाया।
उरांव समाज रक्तदान समूह, चाईबासा की ओर से लालू कुजूर ‘ब्लडमेन’ ने दोनों अधिकारियों को हृदय से धन्यवाद और बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा, “जब समाज के रक्षक स्वयं रक्तदान कर उदाहरण प्रस्तुत करते हैं, तो यह संदेश दूर तक जाता है और अनेक जीवनों को बचाने की प्रेरणा बनता है।”

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