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पेरिस ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता अमन सेहरावत एक साल के लिए निलंबित

पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाले युवा पहलवान अमन सेहरावत अब विवादों में फंस गए हैं। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने उन्हें एक साल के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान वे किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।

सिर्फ 21 साल 24 दिन की उम्र में ओलंपिक पदक जीतकर अमन भारत के सबसे युवा ओलंपिक मेडलिस्ट बने थे। उन्होंने पेरिस ओलंपिक 2024 में 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में प्यूर्टो रिको के डेरियन क्रूज को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। इससे पहले यह रिकॉर्ड बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु के नाम था, जिन्होंने रियो ओलंपिक 2016 में 21 साल, 1 महीना और 14 दिन की उम्र में सिल्वर मेडल जीता था।

अमन का यह पदक पेरिस ओलंपिक में भारत का इकलौता कुश्ती पदक था। अब तक भारत कुश्ती में कुल 8 ओलंपिक पदक जीत चुका है।

वजन ने डुबोया करियर

अमन के करियर को झटका तब लगा जब उन्हें क्रोएशिया के ज़ाग्रेब में हुई वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप से मुकाबले से पहले ही डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। वेट-इन के दौरान उनका वजन निर्धारित सीमा से 1.7 किलो ज्यादा पाया गया। नियमों के मुताबिक, उन्हें मुकाबले से बाहर कर दिया गया और भारत एक संभावित पदक मौके से चूक गया।

इसके बाद 23 सितंबर को WFI ने अमन और उनके कोचिंग स्टाफ को शो-कॉज नोटिस भेजा था।

डब्ल्यूएफआई का कड़ा रुख

5 अक्टूबर को दिल्ली स्थित महासंघ मुख्यालय में हुई सुनवाई में अमन का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। WFI अध्यक्ष संजय सिंह और अनुशासन समिति ने माना कि अमन ने देश की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नुकसान पहुंचाया है।

इसके बाद उन्हें 22 सितंबर 2026 तक निलंबित करने का फैसला लिया गया। फेडरेशन ने अपने पत्र में लिखा –
“आप निर्धारित वजन वर्ग को बनाए रखने में नाकाम रहे, जिससे भारत एक संभावित पदक से वंचित हुआ और सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ। यह निर्णय अंतिम और बाध्यकारी है।”

निलंबन अवधि के चलते अमन अब 2026 एशियाई खेलों (19 सितंबर – 4 अक्टूबर 2026) में भी हिस्सा नहीं ले पाएंगे। यह फैसला उनके करियर पर बड़ा असर डाल सकता है।

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पेरिस ओलंपिक का नायक अब अनुशासनहीनता के कारण पूरे एक साल तक अखाड़े से बाहर रहेगा। यह घटना भारतीय खेल जगत के लिए एक सख्त सबक है कि प्रतिभा जितनी जरूरी है, उतना ही जरूरी अनुशासन और जिम्मेदारी भी है।

Vaibhav tiwari
Author: Vaibhav tiwari

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