
Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस और वामपंथी दलों के गठबंधन में सीट बंटवारे और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। खास तौर पर RJD नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने पर कांग्रेस ने अभी तक कोई साफ जवाब नहीं दिया है, जिससे गठबंधन में तनाव बढ़ता दिख रहा है।
तेजस्वी यादव को CM उम्मीदवार बनाने पर असमंजस
तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि बिहार की जनता उन्हें अगला मुख्यमंत्री देखना चाहती है। उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अब राज्य को संभालने की स्थिति में नहीं हैं। लेकिन कांग्रेस की ओर से इस मुद्दे पर चुप्पी साधी गई है। बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने हाल ही में कहा, “मुख्यमंत्री का चेहरा तय करना सभी सहयोगी दलों का सामूहिक फैसला होगा। यह कांग्रेस का काम नहीं है कि वह अकेले किसी को CM उम्मीदवार घोषित करे।”
सीट बंटवारे पर महागठबंधन में खींचतान
बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने वाले चुनाव में महागठबंधन के सामने सीट बंटवारे का बड़ा पेच फंसा है। 2020 के चुनाव में RJD ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा और 75 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 70 सीटों पर लड़कर सिर्फ 19 सीटें हासिल की थीं। इस बार कांग्रेस ज्यादा सीटों की मांग कर रही है। पार्टी का कहना है कि वह अब RJD की “बी-टीम” नहीं बनेगी, बल्कि बराबरी का हक चाहती है। वहीं, वामपंथी दल CPI(ML) ने 40-45 सीटों की मांग की है, और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने भी 40 से ज्यादा सीटों पर दावा ठोका है। इससे RJD पर दबाव बढ़ गया है, क्योंकि सीटों की संख्या सीमित है और सभी दल ज्यादा हिस्सेदारी चाहते हैं।
कांग्रेस की नई रणनीति
कांग्रेस ने बिहार में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए नए सिरे से रणनीति बनाई है। पार्टी ने राजेश राम को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है, जो पहले RJD के करीबी रहे अखिलेश प्रसाद सिंह की जगह लेंगे। कांग्रेस अब गांव-गांव तक अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश में है। पार्टी ने “माई बहिन मान” योजना शुरू करने की बात कही है, जिसके तहत महिलाओं को लाभ देने का वादा किया गया है।
क्या होगा महागठबंधन का भविष्य?
महागठबंधन के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या वह एकजुट होकर नीतीश कुमार की अगुवाई वाले NDA को टक्कर दे पाएगा? अगर सीट बंटवारे और CM उम्मीदवार पर जल्द सहमति नहीं बनी, तो गठबंधन की राह मुश्किल हो सकती है। दूसरी ओर, तेजस्वी यादव ने जनता से 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है, जिससे वह युवा वोटरों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।
बिहार की जनता अब इस सियासी ड्रामे पर नजर रखे हुए है। क्या महागठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा, या फिर आपसी खींचतान से उसका नुकसान होगा? इसका जवाब आने वाले महीनों में साफ हो जाएगा।