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शमी-अगरकर के बीच खुली जंग, चयन प्रक्रिया पर उठे सवाल

डेस्क: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और चयन समिति के प्रमुख अजीत अगरकर के बीच फिटनेस और टीम चयन को लेकर तीखी बयानबाजी ने तूल पकड़ लिया है। पिछले लगभग 20 दिनों में दोनों ने तीन बार एक-दूसरे पर सीधे निशाना साधा, जो टीम मैनेजमेंट की आंतरिक असहमति को उजागर कर रहा है। इस विवाद की जड़ 25 सितंबर को वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के चयन में शमी को जगह न मिलना है, जिसने शमी के करियर पर सवाल खड़े कर दिए। क्रिकेट पंडितों का मानना है कि यह विवाद न केवल शमी की वापसी को प्रभावित करेगा, बल्कि आने वाले सीमित ओवरों के टूर्नामेंट्स में चयन नीति पर भी बहस छेड़ सकता है।

अगरकर का पहला वार: फिटनेस पर सवाल, ज्यादा मैचों की सलाह

वेस्टइंडीज सीरीज के ऐलान के समय अगरकर ने शमी की अनुपस्थिति पर सफाई देते हुए कहा था कि उनकी फिटनेस स्थिति पर कोई अपडेटेड जानकारी उपलब्ध नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शमी ने हाल के महीनों में पर्याप्त क्रिकेट नहीं खेला, इसलिए उन्हें अधिक घरेलू मैचों में उतरने की जरूरत है। अगरकर के इस बयान को कई पूर्व खिलाड़ियों ने शमी की अनदेखी का संकेत माना, खासकर जब शमी ने 2023 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया था। इससे टीम में फिटनेस प्रोटोकॉल की पारदर्शिता पर सवाल उठे, और शमी समर्थकों ने सोशल मीडिया पर चयन समिति की आलोचना शुरू कर दी।

शमी का पलटवार: ‘मैं फिट हूं, बातचीत क्यों नहीं?’

अगरकर के बयान के करीब दो सप्ताह बाद, 14 अक्टूबर को शमी ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए वनडे और टी20 टीम से बाहर होने पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने अपनी फिटनेस को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों का खंडन करते हुए टीम प्रबंधन पर निशाना साधा। शमी ने स्पष्ट कहा कि वह पूरी तरह मैच-रेडी हैं और किसी भी फॉर्मेट में खेलने को तैयार। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा, “अगर मैं चार दिनों का रणजी ट्रॉफी मैच खेल सकता हूं, तो 50 ओवर का वनडे क्यों नहीं? टीम ने मुझसे फिटनेस पर कोई चर्चा ही नहीं की। मैं खुद जाकर रिपोर्ट नहीं देता। अगर फिटनेस इश्यू होता तो मैं नेशनल क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में रिहैब हो रहा होता, न कि मैदान पर रणजी खेल रहा होता।”

शमी का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जहां फैंस ने #JusticeForShami ट्रेंड चलाया। विशेषज्ञों के अनुसार, शमी की यह टिप्पणी चयन प्रक्रिया में संवाद की कमी को रेखांकित करती है, जो युवा गेंदबाजों के लिए भी खतरे की घंटी है।

अगरकर का दूसरा जवाब: ‘फिट होते तो टीम में होते, फोन खुला है’

शमी के बयान पर अगरकर ने एक हालिया कार्यक्रम में तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अगर शमी फिट होते, तो वे निश्चित रूप से टीम का हिस्सा होते। दुर्भाग्य से, उनकी स्थिति ऐसी नहीं थी।” अगरकर ने आगे जोड़ा कि उनका फोन हमेशा खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध रहता है, और हाल के महीनों में शमी से कई बार बात हुई है। उन्होंने शमी की उपलब्धियों का सम्मान करते हुए कहा, “वह भारत के लिए शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं। अगर कुछ गलतफहमी है, तो हम बातचीत से सुलझा लेंगे। लेकिन सोशल मीडिया पर बयानबाजी से बेहतर है सीधे संपर्क।”

यह विवाद तब और गहरा गया जब पता चला कि शमी लंबे अरसे से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए 3 वनडे और 5 टी20 मैचों की सीरीज में भी उनकी जगह नहीं बनी, जो उनके भविष्य पर सवालिया निशान लगा रहा है। पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने इस पर टिप्पणी की कि चयन समिति को फिटनेस रिपोर्ट्स को पारदर्शी बनाना चाहिए, ताकि ऐसे विवाद न हों। आने वाले दिनों में बीसीसीआई की ओर से कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण की उम्मीद है, जो शमी की वापसी को तय कर सकता है।

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